इस बार माघी पूर्णिमा 31 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 30 जनवरी को रात्रि 09.31 पर लगेगी जो कि बुधवार को रात्रि 07.15 तक रहेगी। तिथि विशेष पर काशी एवं प्रयाग में गंगा स्नान के साथ सूर्य एवम् श्रीहरि की आराधना के उपरांत गरीबों व ब्राम्हणों में दान करना चाहिए। दान में घृत, कम्बल, गुड़, काला तिल व स्वेटर सहित गर्म वस्तुएं दान करनी चाहिए। इस दिन के स्नानदान से अक्षय पुण्य के साथ ही चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है।
चंद्रग्रहण का समय काल
31 को राहू की अशुभ छाया चंद्रमा को ढक देगी। भारतीय समयानुसार ग्रहण का प्रारम्भ यानि स्पर्शकाल सायं 05:18 पर है। ग्रहण का मध्यकाल रात्रि 7.00 बजे तथा मोक्ष काल रात्रि 8.41 पर है। काशी में ग्रहण चंद्रोदय सायं 5.35 से दिखाई देगा।
31 को राहू की अशुभ छाया चंद्रमा को ढक देगी। भारतीय समयानुसार ग्रहण का प्रारम्भ यानि स्पर्शकाल सायं 05:18 पर है। ग्रहण का मध्यकाल रात्रि 7.00 बजे तथा मोक्ष काल रात्रि 8.41 पर है। काशी में ग्रहण चंद्रोदय सायं 5.35 से दिखाई देगा।
नौ घंटे पहले सूतक काल
भारतीय मानक के समयानुसार साल के पहले पूर्ण चंद्रग्रहण का स्पर्श काल शाम को 5.18 बजे होगा। लेकिन उसका प्रभाव नौ घंटे पहले सूतक काल के साथ शुरू हो जाएगा। ग्रहण का सूतक काल सुबह 8.42 बजे से प्रारंभ हो जाएगा. ग्रहण का मध्य काल शाम सात बजे और मोक्ष काल रात 8.42 बजे होगा। सूतक काल से लेकर मोक्ष काल तक मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे, मूर्ति छूना निषेध रहेगा और यात्रा करना भी वर्जित माना गया है। लेकिन ग्रहण काल के दौरान जप-तप व अनुष्ठान कार्यो की अधिकता रहेगी।
भारतीय मानक के समयानुसार साल के पहले पूर्ण चंद्रग्रहण का स्पर्श काल शाम को 5.18 बजे होगा। लेकिन उसका प्रभाव नौ घंटे पहले सूतक काल के साथ शुरू हो जाएगा। ग्रहण का सूतक काल सुबह 8.42 बजे से प्रारंभ हो जाएगा. ग्रहण का मध्य काल शाम सात बजे और मोक्ष काल रात 8.42 बजे होगा। सूतक काल से लेकर मोक्ष काल तक मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे, मूर्ति छूना निषेध रहेगा और यात्रा करना भी वर्जित माना गया है। लेकिन ग्रहण काल के दौरान जप-तप व अनुष्ठान कार्यो की अधिकता रहेगी।
द्वादश राशियों पर भी पड़ेगा असर
पूर्ण चंद्रग्रहण का असर द्वादश राशियों पर भी पड़ेगा। मेष-व्यथा, वृष- लक्ष्मी प्राप्ती। मिथुन-क्षति। कर्क-विश्वासघात, सिंह-हानि, कन्या-चातुर्दिक सुख, वृश्चिक- मान-सम्मान का नाश, धनु- शारीरिक-मानसिक मृत्यु तुल्य कष्ट, मकर- स्त्री पीड़ा, कुम्भ- सौख्य, मीन-चिंता।
पूर्ण चंद्रग्रहण का असर द्वादश राशियों पर भी पड़ेगा। मेष-व्यथा, वृष- लक्ष्मी प्राप्ती। मिथुन-क्षति। कर्क-विश्वासघात, सिंह-हानि, कन्या-चातुर्दिक सुख, वृश्चिक- मान-सम्मान का नाश, धनु- शारीरिक-मानसिक मृत्यु तुल्य कष्ट, मकर- स्त्री पीड़ा, कुम्भ- सौख्य, मीन-चिंता।
जातकों के लिए उपाय
जिन जातको के लिए ग्रहण फल अनिष्टकारी हों उन्हें ग्रहण नहीं देखना चाहिए। यथा सम्भव सोने या चांदी का ग्रहण विम्व बनवाकर ग्रहण जनित दुष्ट फल से निवारण के लिए ब्राह्मण को दान करना चाहिए। काशी, प्रयाग, पुष्कर या कुरूक्षेत्र में स्नान करना महापुण्यकारी होता है।
जिन जातको के लिए ग्रहण फल अनिष्टकारी हों उन्हें ग्रहण नहीं देखना चाहिए। यथा सम्भव सोने या चांदी का ग्रहण विम्व बनवाकर ग्रहण जनित दुष्ट फल से निवारण के लिए ब्राह्मण को दान करना चाहिए। काशी, प्रयाग, पुष्कर या कुरूक्षेत्र में स्नान करना महापुण्यकारी होता है।