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सपा के परम्परागत वोटरों में यादव व मुस्लिम वर्ग आता है। यादव वोटर का बड़ा भाग हमेशा सपा का साथ देता है, लेकिन जब मुस्लिम वोटर बसपा व कांग्रेस के साथ जाते हैं तो सपा को हार मिलती है। मुलायम सिंह यादव के बयान के जरिए मुस्लिम वोटरों को फिर से यह याद दिला दिया है कि सपा ही ऐसी पार्टी है जो मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए कारसेवकों पर गोली चलवा सकती है। ऐसे में सपा के साथ रहने में ही मुस्लिम हितों की रक्षा हो सकती है। मुलायम सिंह यादव के बयान का असर होता है तो नगर निगम चुनाव में मुस्लिम वोटरों का बड़ा हिस्सा फिर से सपा से जुड़ सकता है, यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस व बसपा को नुकसान उठाना पड़ जायेगा।
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सपा जानती है कि पूर्वांचल में उसे विजय मिलती है तो पार्टी की ताकत प्रदेश में फिर बढ़ जायेगी। पूर्वांचल में मुस्लिम व यादव वोटरों की संख्या अच्छी है बस सबको एक पाले में लाने की जरूरत है। मुलायम जानते हैं कि यूपी चुनाव २०१७ से पहले ही सपा ने खुद को कमजोर मान कर कांग्रेस से गठबंधन कर लिया था जिसका खुद मुलायम सिंह यादव ने विरोध किया था। इन परिस्थितियों में नगर निगम, नगर पंचायत व नगर पालिका परिषद में सपा को विजय नहीं मिली तो आने वाले चुनाव में अखिलेश और कमजोर हो जायेंगे।
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