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लखनऊ में 6 मार्च 2016 को मुन्ना बजरंगी के रिश्तेदार पुष्पजीत की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। यह घटना बजरंगी गिरोह के लिए बड़ी चुनौती बन गयी थी। पुष्पजीत की मौत के बाद गिरोह का सारा कामकाज तारिक देखने लगा था। देखते ही देखते तारिक ने मुन्ना बजरंगी के बेहद खास लोगों में अपनी पहचान बना ली थी। 2 दिसम्बर 2017 को तारिक की भी गोली मार कर हत्या कर दी थी। इन दोनों हत्याओं के बाद मुन्ना बजरंगी गैंग कमजोर हो गया था। यूपी सरकार का भी गिरोह पर इतना अधिक दबाव बढ़ गया था जिसके चलते मुन्ना बजरंगी को अपनी मौत का पहले से ही अहसास होने लगा था।
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मुन्ना बजरंगी के बाद जरायम की दुनिया की हलचल तेज हो गयी है। मुन्ना बजरंगी गैंग सुपारी लेने के साथ रंगदारी भी वसूलता था। सरकारी ठेकों में मुन्ना बजरंगी की धमकी सुनायी देती थी। बड़ा सवाल है कि अब मुन्ना बजरंगी के गिरोह की कमान कौन संभालेगा। मुन्ना बजरंगी के रंगदारी व्यवसाय को लेकर गैंगवार होने की संभावना प्रबल हो गयी है सभी गैंग इस कारोबार पर अपना कब्जा जमाना चाहते हैं। मुन्ना बजरंगी की मौत हो चुकी है इसलिए अब विरोधी दलों को इस पर कब्जा जमाना आसान हो गया है। बजरंगी गिरोह के मुख्य शूटर की मौत हो चुकी है अब देखना है कि मुन्ना बजरंगी गिरोह की कमान कौन संभालता है।
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