कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने वाराणसी में नाइट कर्फ्यू लगाने के साथ प्रतिबंधों को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया। संक्रमण का प्रसार रोकने के लिये पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। सरकार की ओर से भी धर्मस्थलों में एक बार में एक साथ पांच से अधिक लोगों के जाने पर रोक लगा दी। अब प्रतिबंधों को और कड़ा करते हुए तीनों मंदिरों में दर्शन के लिये तीन दिन पुरानी आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया गया है।
बताते चलें कि वाराणसी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कमिश्नरी कार्यालय और न्यायालय 20 अप्रैल तक बंद कर दिये गए हैं। इसके अलावा कलेक्ट्रेट परिसर के सभी न्यायालयों को 17 अप्रैल तक के लिये बंद कर दिया गया है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मरीजों की लगातार बढ़ती तादाद पर चिंता व्यक्त करते हुए हर हाल में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन किये जाने को कहा है। उन्होंने सभी से अपील किया है कि चेहरे पर मास्क लगाए बिना कोई भी घर से बाहर न निकले और सोशल डिस्टेंसिंग यानि दो गज की दूरी का पालन जरूर करें।
उधर जिलाधिकारी ने नाइट कर्फ्यू का कड़ाई से पालन कराए जाने और लोगों से खुद भी इसका पालन करने की अपील की है। रमजान और नवरात्रि जैसे धार्मिक पर्व और मास में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करने की अपील की है। इसके अलावा उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि स्वयं अपनी स्क्रीनिंग करते रहें। सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल जांच कराएं और डाॅक्टर से संपर्क करें, ताकि इलाज में किसी तरह की देरी न होने पाए।