योजना के तहत प्राधिकरण की योजनाओं एवं प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत ले-आउट के आवासीय भूखंडों के समस्त मानचित्रों को आनलाईन स्वीकृति का साफ्टवेयर विकसित किया गया है। इसका शुभारम्भ शनिवार को आयुक्त सभागार वाराणसी में प्रदेश के कानून, सूचना और खेल राज्य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने किया। इस मौके पर कमिश्नर व वीडिए के अध्यक्ष नितिन रमेश गोकर्ण, वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित खरे, सचिव विशाल सिंह आदि मौजूद रहे।
वीडिए उपाध्यक्ष खरे ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ऑनलाईन मानचित्र स्वीकृति की इस नवीन व्यवस्था के तहत ही वीडिए में मानचित्र जमा किए जाएंगे। अब प्रदेश के सभी 33 विकास प्राधिकरणों एवं आवास विकास परिषद में यही व्यवस्था प्रभावी होगी। इस व्यवस्था के प्रभावी होने से भवन स्वामी आनलाईन स्वीकृति का लाभ ले सकेगें। बताया कि प्रदेश शासन शीघ्र ही समस्त भवन मानचित्रों को आनलाईन स्वीकृति की कार्रवाई करने पर काम कर रहा है। शीघ्र इसे प्रभावी किया जायेगा।
नए साफ्टवेयर की खासियत 1-समस्त प्राधिकरणों की योजनाओं के आवासीय भूखण्ड तथा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत ले-आउट्स के आवासीय भूखंडों के समस्त मानचित्र वेबसाईट HYPERLINK “https://www.upobps.in” https://www.upobps.in पर जमा एवं स्वीकृत किए जायेगें। 2- आवेदक अपने से संबंधित नगर, विकास प्राधिकरण को इन्टरेक्टिव मैप में चयनित कर सकता है।
3-यदि मानचित्र में कोई कमी है, तो अधिकतम दो कार्य दिवसो में E-mail के माध्यम से अवगत करा दिया जाएगा अन्यथा मानचित्र स्वतः स्वीकृत हो जायेगा तथा आवेदक को E-Mail पर भी प्रेषित कर दिया जायेगा।
4-आवेदक अपने आवेदन पर कार्रवाई को वेबसाईट पर ट्रैक कर सकता है। 5-स्वतः फीस केलकुलेटर का प्राविधान किया गया है। 6-मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया में इलेक्ट्रोनिक वेरिफिकेशन कोड का उपयोग किया गया है।
7-ई-पेमेन्ट गेट-वे से आनलाईन भुगतान की व्यवस्था की गई है। 8-प्रत्येक स्तर पर आवेदक को SMS द्वारा सूचना प्रेषित करने की व्यवस्था है। 9-प्रत्येक स्तर पर उत्तरदायित्व का निर्धारण पारदर्शिता को और प्रभावी बनाने के लिए किया गया है।
10-स्वीकृत किये जाने वाले मानचित्र की वैधानिकता को सुरक्षित करने के लिए QR-Code का प्रावधान किया गया है। 11-साफ्टवेयर में एप्लीकेशन, कालोनी एवं अन्य आवश्यक विवरण के लिए सर्चटूल का प्राविधान भी किया गया है।
12-साफ्टवेयर के कार्यरूप में आने से मानचित्रों से सम्बन्धित समस्त सूचनाएं व विवरण एकीकृत रूप में प्राधिकरण स्तर व प्रदेश स्तर पर सदैव उपलब्ध रहेगी।