बीजेपी के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य यूपी है। बनारस की सीट से खुद पीएम नरेन्द्र मोदी सांसद है जिनके सहारे बीजेपी ने एक बार फिर पूर्वांचल में ताकत दिखाने का सपना देखा है। यूपी में बीजेपी की दो सहयोगी पार्टी अनुप्रिया पटेल का अपना दल व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा है। लोकसभा चुनाव 2014 में भी बीजेपी व अपना दल में गठबंधन था। बीजेपी ने अपना दल को मिर्जापुर व प्रतापगढ़ सीट दी थी और अपना दल ने दोनों सीटों पर विजय प्राप्त की थी। यूपी चुनाव के समय बीजेपी ने अपना दल के साथ सुभासपा को भी सीटे दी थी जिसमे से अधिकांश सीटों पर दोनों दलों को जीत मिली थी इसी क्रम में लोकसभा चुनाव 2019 में अपना दल व सुभासपा ने सीटों के लिए बीजेपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बीजेपी के लिए अब इन दलों को नकाराना आसान नहीं होगा और पहले से अधिक सीट देनी होगी।
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अपना दल व सुभासपा को चाहिए अधिक सीट
अपना दल ने बीजेपी से कम से कम 6 सीट मांगी है जबकि सुभासपा भी पांच सीट से कम पर चुनाव लडऩे को तैयार नहीं होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ व ओमप्रकाश राजभर के मतभेद किसी से छिपा नहीं है। सुभासपा ने 29 दिसम्बर को गाजीपुर में होने वाली पीएम मोदी की रैली का बहिष्कार करने का ऐलान किया है इसी बीच अमित शाह भी इस मतभेद को खत्म करना चाहते हैं और लखनऊ में सुभासपा के कार्यालय के लिए बंगला देने की कवायद शुरू हो गयी है। रामविलास पासवासन की मांग के आगे बीजेपी ने सरेंडर किया है। यूपी में राहुल गांधी, अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन को देखते हुए बीजेपी किसी भी कीमत पर अपना दल व सुभासपा को अलग होने नहीं देना चाहेगी। ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में अपना दल व सुभासपा की ताकत बढऩी तय है जिसके चलते बीजेपी बैकफुट पर आयेगी।
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अपना दल ने बीजेपी से कम से कम 6 सीट मांगी है जबकि सुभासपा भी पांच सीट से कम पर चुनाव लडऩे को तैयार नहीं होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ व ओमप्रकाश राजभर के मतभेद किसी से छिपा नहीं है। सुभासपा ने 29 दिसम्बर को गाजीपुर में होने वाली पीएम मोदी की रैली का बहिष्कार करने का ऐलान किया है इसी बीच अमित शाह भी इस मतभेद को खत्म करना चाहते हैं और लखनऊ में सुभासपा के कार्यालय के लिए बंगला देने की कवायद शुरू हो गयी है। रामविलास पासवासन की मांग के आगे बीजेपी ने सरेंडर किया है। यूपी में राहुल गांधी, अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन को देखते हुए बीजेपी किसी भी कीमत पर अपना दल व सुभासपा को अलग होने नहीं देना चाहेगी। ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में अपना दल व सुभासपा की ताकत बढऩी तय है जिसके चलते बीजेपी बैकफुट पर आयेगी।
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