यूपी में बीजेपी का अपना दल व सुभासपा से गठबंधन है। दोनों ही दलों ने नगर निगम चुनाव लडऩे का निर्णय किया है। दोनों ही दलों ने बीजेपी से सीट मांगी है इसको लेकर तीनों पार्टी में वार्ता भी हो रही है। बीजेपी के लिए परेशानी का सबब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) हो सकती है। बीजेपी से गठबंधन के पहले सुभासपा ने एक भी विधानसभा सीट नहीं जीती थी। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर खुद कभी चुनाव नहीं जीत पाये थे, लेकिन बीजेपी से गठबंधन होने के बाद सुभासपा को भी बड़ा लाभ हुआ। ओमप्रकाश राजभर के साथ उनके कई प्रत्याशी विधायक बन चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्रीमंडल में ओमप्रकाश राजभर खुद कैबिनेट मंत्री है और उन्हें अब लग रहा है कि नगर निगम या फिर नगर पालिका परिषद में सुभासपा को स्थापित किया जाये। इसके लिए बीजेपी से सीटों की मांग की जा रही है।
यह भी पढ़े:-अयोध्या के बाद काशी की देव दीपावली को खास बनायेंगे सीएम योगी
यह भी पढ़े:-अयोध्या के बाद काशी की देव दीपावली को खास बनायेंगे सीएम योगी
टूटेगा गठबंधन तो विरोधियों को होगा लाभ
नगर निगम व नगर पालिक परिषद चुनाव में सीटों को लेकर बीजेपी व सुभासपा में किसी प्रकार का मतभेद होता है तो इस चुनाव में दोनों दलों की राह अलग हो सकती है। ऐसा होने पर बीजेपी के विरोधी दलों को बड़ा लाभ होगा। सुभासपा के लिए गाजीपुर, मऊ, गोरखपुर क्षेत्र की कुछ सीटे बेहद खास है। यहां पर राजभर वोट बहुत ज्यादा है इसलिए सुभासपा चाहती है कि इन सीटों पर उनके प्रत्याशी नगर पालिका परिषद का चुनाव लड़े। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पहले ही कह दिया है कि उनकी जाति के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सुभासपा अपने प्रत्याशी उतार सकती है। बीजेपी से सीटों के तालमेल पर निर्णय नहीं होता है तो वह अकेले ही चुनाव लड़ सकते हैं। ओमप्रकाश राजभर के बयान से स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी पर उनका दबाव काम नहीं आता है तो नगर निगम व नगर पालिका परिषद में दोनों दलों की राह अलग हो सकती है।
यह भी पढ़े:-मायावती की रैली में लगा बाहुबली मुख्तार को झटका, अब्बास अंसारी नहीं कर पाये यह काम
नगर निगम व नगर पालिक परिषद चुनाव में सीटों को लेकर बीजेपी व सुभासपा में किसी प्रकार का मतभेद होता है तो इस चुनाव में दोनों दलों की राह अलग हो सकती है। ऐसा होने पर बीजेपी के विरोधी दलों को बड़ा लाभ होगा। सुभासपा के लिए गाजीपुर, मऊ, गोरखपुर क्षेत्र की कुछ सीटे बेहद खास है। यहां पर राजभर वोट बहुत ज्यादा है इसलिए सुभासपा चाहती है कि इन सीटों पर उनके प्रत्याशी नगर पालिका परिषद का चुनाव लड़े। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पहले ही कह दिया है कि उनकी जाति के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सुभासपा अपने प्रत्याशी उतार सकती है। बीजेपी से सीटों के तालमेल पर निर्णय नहीं होता है तो वह अकेले ही चुनाव लड़ सकते हैं। ओमप्रकाश राजभर के बयान से स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी पर उनका दबाव काम नहीं आता है तो नगर निगम व नगर पालिका परिषद में दोनों दलों की राह अलग हो सकती है।
यह भी पढ़े:-मायावती की रैली में लगा बाहुबली मुख्तार को झटका, अब्बास अंसारी नहीं कर पाये यह काम