सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि विकास दुबे को संरक्षण मिला हुआ था। उस दुर्दांत अपराधी पर रासुका और गैंगस्टर तक की कार्रवाई नहीं की कि गयी। वह सालों खुले घूमता रहा। उसने हमारे आठ पुलिस के जांबाज़ों की हत्या कर दी। उसके लिये कोई हमदर्दी नहीं हो सकती। पर उसे सज़ा कानून के हिसाब से मिलनी चाहिये थी। राजभर ने विकास के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए दावा किया कि ऐसा सरकार की नाकामी छिपाने के लिए किया गया है, ताकि उनके विधायक और मंत्रियों और बड़े अधिकारी को बचाया जा सके।
राजभर ने सवाल उठाया है कि अगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था तो कोर्ट ले जाकर कानून के हिसाब से सज़ा दिलाकर फांसी पर चढ़ा देना चाहिये था। लेकिन डर था कि अगर वह ज़िंदा रहता तो कई नामी बड़े चेहरे सामने आ जाते। कहा कि सरकार के इशारे पर मध्यप्रदेश में उसकी गिरफ्तारी हुई। लेकिन वह मध्य प्रदेश कैसे पहुंचा यह बड़ा सवाल है। उन्होंने इसमें मध्य प्रदेश सरकार की मिली भगत का भी आरोप लगाया।
उन्होने कहा कि सरकार को आगे आकर पूरे मामले की जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी कर देना चाहिये। उन्होंने मांग किया कि विकास दुबे एनकाउंटर की जांच हाई कोर्ट के वर्तमान जज से कराया जाय, तभी इसका खुलासा हो पाएगा और पूरा सच सामने आएगा। बिना निष्पक्ष जांच के बड़े और नामी चेहरे बेनकाब नहीं हो पाएंगे।
ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के चलते ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। उन्हीं का नाम लेकर गुंडाराज खत्म करने की बात कही गयी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश गुंडा मुक्त नहीं बल्कि गुंडा युक्त राज्य बन चुका है।