कमिश्नरेट में तैनात किए गए दो अपर पुलिस आयुक्त और दो डीसीपी ने कार्यभार ग्रहण किया है। वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद मजिस्ट्रेट के पद कम किए जाएंगे। वाराणसी में अपर जिलाधिकारी के चार पद हैं। इसमें अपर जिलाधिकारी नगर, प्रशासन, वित्त एवं राजस्व और नागरिक आपूर्ति का पद शामिल हैं। इसके अलावा शहर के थानों के लिहाज से पांच अपर नगर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। माना जा रहा है कि अपर जिलाधिकारी से लेकर अपर नगर मजिस्ट्रेट तक के पदों में कटौती हो सकती है। इसके अलावा अपर नगर मजिस्ट्रेट के पदों में कमी के साथ उनकी तैनाती नगर निगम और विकास प्राधिकरण में की जा सकती है।
अधिकारियों के आवास की होगी कमी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अधिकारियों के 16 आवास के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा है। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद अधिकारियों के आवास की कमी पड़ेगी। ऐसे में सर्किट हाउस और जिलाधिकारी आवास के पास की सरकारी जमीन पर इन आवासों के निर्माण का प्रस्ताव है।
अफसरों ने किया स्वागत पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने का अफसरों ने स्वागत किया है। आईपीएस विजय सिंह मीना ने योगी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि इससे पुलिस के समय की बचत होगी और उसका लाभ आमजन को मिलेगा। प्रदेश के दो शहरों में साल भर से लागू कमिश्नरेट सिस्टम की आज सभी प्रशंसा कर रहे हैं। बनारस जैसे महत्वपूर्ण शहर में भी इस सिस्टम के सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। इसी तरह एडीजी जोन बृज भूषण ने कहा कि कानून व्यवस्था से जुड़े ज्यादातर मामलों में स्थिति इसलिए अनियंत्रित हो जाती है क्योंकि पुलिस के पास तत्काल निर्णय लेने के अधिकार नहीं होते हैं। कमिश्नरेट सिस्टम में पुलिस निरोधात्मक कार्रवाई के लिए खुद मजिस्ट्रेट की भूमिका में होगी। निरोधात्मक कार्रवाई का अधिकार पुलिस को मिलेगा तो आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर जल्दी प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी और उनमें कानून का भय व्याप्त होगा।
बनारस के लिए महत्वपूर्ण आईपीएस अमित पाठक ने पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को बनारस के लिए महत्वपूर्ण दिन बताया। उन्होंने कहा कि कमिश्नरेट सिस्टम से बनारस के लोग आगामी दिनों में पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव महसूस करेंगे। कई कार्यों में आमजन की भागदौड़ कम होगी और उनका समय बचेगा। देश के महत्वपूर्ण महानगरों में से एक बनारस के लिए प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था के लिहाज से एक बड़ी सौगात दी है।