क्या हुआ था शुक्रवार की देर रात पुलिस ने भाजपा नेता व ज़िला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल और उनके भतीजे को पुलिस वालों के साथ अभद्रता और उनसे मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक एक युवक की सूचना पर सुंदरपुर के कार्यवाहक चौकी प्रभारी सुनील गौड़ ने फैंटम दस्ते के सिपाही मौके पर पहुंचे पुलिस के मुताबिक वहां पहुंचने पर बिना मास्क पहने हुए काशी विद्यापीठ के छात्र नेता विकास पटेल और उनके साथियों की पुलिस से कहासुनी हो गयी। आरोप है कि मास्क और दूर से बात करने के लिये टोकने वो लोग पुलिस वालों के साथ उलझ गए और मारपीट शुरू कर दी। सूचना मिलने पर विकास के पिता भाजपा नेता व ज़िला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल अपने 10 से 12 लोगों के साथ मौके पर पहुंच गए। आरोप है कि उन लोगों ने पुलिस वालों से मारपीट की। चौकी प्रभारी पहुंचे तो उनके साथ भी अभद्रता और मारपीट की गयी। घटना की खबर लगते ही फोर्स पहुंच गई और भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल और भतीजे बिंदु पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पकड़े जाने का विरोध हुआ और दबाव भी बना, किसी की एक न चली और एसएसपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस ने हटायी धाराएं, अगले ही दिन मिली ज़मानत मारपीट की घटना के बाद लंका थाने में आधी रात के पश्चात चौकी प्रभारी सुनील कुमार गौड़ की तहरीर पर भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल, उनके बेटे विकास पटेल, वीरेंद्र प्रताप सिंह, संतोष सिंह, किशन राय उर्फ फैलू, शशांक यादव उर्फ गोलू, शहजाद खान और एक अन्य अज्ञात के खिलाफ कुल 19 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें इसमें पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास, लूट और अपहरण की धाराएं भी जोड़ी गयीं थीं। पर सुबह दोबारा जांच हुई और पुलिस ने संगीन धाराएं हटा लीं। कोर्ट में पेश होने से पहले ही धाराएं हटाने के चलते सत्र न्यायालय में भाजपा नेता और उनके भतीजे की ज़मानत का रास्ता साफ हो गया।
क्या कहती है पुलिस मीडिया को दिये अपने बयान में एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि पुलिसकर्मियों की मेडिकल रिपोर्ट और फुटेज को देखने के बाद कुछ धाराएं हटाई गई हैं। हालांकि इस पूरे प्रकरण की जांच करायी जा रही है। सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी को इसकी जांच की ज़िम्मेदारी दी गयी है।