script# आखिर कब जागेगा विदेश मंत्रालय, कब मिलेगी पूर्वांचल की बेटी को मदद | Poorvanchal daughter Deepika need help from foreign minister | Patrika News
वाराणसी

# आखिर कब जागेगा विदेश मंत्रालय, कब मिलेगी पूर्वांचल की बेटी को मदद

19 अक्टूबर को पति का हुआ निधन, अब तक नहीं जागी सरकार, भाई ने उसी दिन मंत्री सुषमा स्वराज को किया था ट्वीट, विदेश मंत्रालय भी भेज चुका है पत्र. जानें क्या हाल है बेटी का..

वाराणसीOct 29, 2016 / 03:33 pm

Ajay Chaturvedi

Poorvanchal daughter,Deepika

Poorvanchal daughter,Deepika

वाराणसी. पूर्वांचल की बेटी दीपिका चौबे 10 दिन से अमेरिका में मुसीबत में है। दिपिका के भाई बनारस के रेलवे कैंसर इंस्टीट्यूट में कार्यरत डॉ. अजय चौबे 10 दिन से बेचैन हैं बहन के पास जाने को। उसे भारत लाने को। दीपिका के पति साफ्टवेयर इंजीनयर हरिओम का हर्ट अटैक से 19 अक्टूबर (करवा चौथ) को निधन हो गया था। डॉ. अजय ने उसी दिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर मदद की गुहार की। लेकिन उसका जवाब 29 अक्टूबर तक नहीं मिला। वह अपने स्तर से जो संभव हो उसके लिए जी जान से जुटे हैं। दीपिका के मुद्दे पर अमेरिकी दूतावास संवेदनशील हुआ और सुबह के आवेदन पर शाम तक डॉ. अजय चौबे के वीजा को क्लीयर कर दिया। डॉ. अजय ने बताया कि वह दो नवंबर को अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे। लेकिन भारत सरकार अभी तक चुप्पी साधे बैठी है। ये है च्सेल्फी विद डाटरज् का नारा देने वाली सरकार।


दीपिका के पति हरिओम

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दीपिका अब पति के दोस्तों संग न्यूजर्सी पहुंची
डॉ. अजय चौबे ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उनके जीजा साफ्टवेयर इंजीनियर हरिओम अमेरिका के बोस्टन के करीब फॉल रीवर इलाके में रहते थे। लेकिन उनके निधन के बाद अकेली दीपिका का वहां रहना मुश्किल था। वह नौ माह की गर्भवती है। नवंबर 25 को डिलिवरी डेट मिली है। ऐसे में उसकी देख-रेख कौन करता। तात्कालिक चिकित्सा सुविधा के लिए भी उसे दिक्कत होती। ऐसे में स्व.हरिओम के दोस्त बहन को लेकर न्यू जर्सी आ गए हैं। 




स्टेट बदलने से बढ़ीं दिक्कतें
डॉ. अजय ने बताया कि अमेरिका में प्रसव हो या अन्य कोई चिकित्सकीय सुविधा, वह सब ज्यादातर बीमित होते हैं। लेकिन बीमा राशि की सुविधा उसी स्टेट में मिल सकती है जहां से बीमा कराया गया हो। अब जब दीपिका रीवर फॉल से न्यू जर्सी आ गई है तो चिकित्सा सुविधा के लिए भी उसे मोटी रकम खर्च करनी होगी। इसके लिए उसे 6000 डॉलर खर्च करने होंगे जो दीपिका के लिए बड़ी समस्या है। आर्थिक तंगी से प्रसव व इलाज में दिक्कत आ सकती है। इसके लिए मैं खुद अपने स्तर से कोशिश कर रहा हूं। वैसे हरिओम के मित्र भी जुटे हैं दीपिका की मदद के लिए। हरिओम के मित्र प्रतीक राय ने उनके परिवार को हेल्प करने के लिए एक डोनेशन लिंक जारी किया है https://www.gofundme.com/HelpHariom  जिस पर जा कर कोई भी भारतीय परिवार की इस कष्टमय समय में सहायता कर सकते हैं। डॉ. अजय कहते हैं कि अगर भारत सरकार से कुछ मदद मिल जाती तो दीपिका के इलाज के लिए सुविधाजनक हो जाएगा।





डिलिवरी के बाद आएगी कानूनी अड़चन
डॉ. अजय ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत तो डिलिवरी के बाद आनी है। कारण बच्चा पैदा होने के साथ ही उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाएगी। फिर जव उसे भारत लाया जाएगा तो उसके लिए अमेरिकी सरकार सीआई कार्ड जारी करेगी, उसके आधार पर ही उसे भारतीय नागरिकता मिल पाएगी। इसमें अगर सरकारी मदद मिल जाएगी तो आसानी होगी अन्यथा उसमें भी वक्त लग सकता है।




विभागीय औपचारिकता पूरी कर दो नवंबर को डॉ. अजय जाएंगे अमेरिका
दीपिका से मिलने और उसे अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भाई डॉ. अजय चौबे दो नवंबर को अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे। उन्होंने बताया कि शुक्रवा की शाम को अमेरिकी दूतावास ने उनका वीजा क्लीयर कर दिया। टिकट भी फाइनल हो गया। उसके बाद मैं रात तक किसी तरह बनारस पहुंचा। अब विभागीय औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। उम्मीद करता हूं कि सोमवार तक सारा काम हो जाएगा तब दो नवंबर को निकलूंगा।





19 की रात ही किया था सुषमा स्वराज को ट्वीट
डॉ. अजय ने बताया कि बहनोई हरोओम का निधन करवा चौथ (19 अक्टूबर) को हुआ। उसी दिन मैने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट किया था। लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं आया। कहा कि वीजा क्लीयर कराने के दौरान विदेश मंत्रालय गया, वहां एक सचिव से मिला तो उनसे भी गुहार की। सचिव ने मंत्री तक पत्र तो बढ़ा दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकती।




दीपिका के ससुर पहुंचे अमेरिका
दीपिका के ससुर घनश्याम पांडेय मुंबई से अमेरिका पहुंच गए हैं। उनकी मौजूदगी में ही मंगलवार को बहनोई हरिओम की अंत्येष्ठी हुई। चार साल के बेटे अथर्व ने मुखाग्नि दी।








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