scriptपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और बीएचयू का ये है खास कनेक्शन | Pranab Mukharjee Visit Two Time BHU as Chief Guest in Convocation | Patrika News
वाराणसी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और बीएचयू का ये है खास कनेक्शन

बीएचयू के दीक्षांत समारोह में दो बार बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी। बीएचयू के लोगो वाला 10 रुपये और शताब्दी वर्ष की यादगार 100 रुपये का विशेष सिक्का किया था जारी।

वाराणसीSep 01, 2020 / 01:16 pm

रफतउद्दीन फरीद

Pranab Mukharjee

प्रणब मुखर्जी

वाराणसी. देश के पूर्व राष्ट्रपत स्व. प्रणब मुखर्जी का सोमवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 85 साल के थे। डाॅ. प्रणब मुखर्जी का वाराणसी और बीएचयू से कनेक्शन भी खास है। वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि दो बार वाराणसी आए थे। इस दौरान उन्होंने समारोह में यादगार भाषण दिया था, जिसे आज भी याद किया जाता है।

 

प्रणब मुखर्जी ने बीएचयू और उसे बनाने के पीछे महामना के उद्देश्यों का बखूबी रेखांकित करते हुए उन्हें स्वप्नद्रष्टा और आधुनिक भारत का शिल्पकार बताया था। उन्होंने कहा था कि चिराग लेकर ढूंढने से भी पं. मदन मोहन मालवीय जैसी दूसरी शख्सियत नहीं मिलेगी। उन्होंने महामना को महिलाओं की शिक्षा का पक्षधर बताया था। उन्होंने बीएचयू की काफी तारीफ की थी।


पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 25 दिसम्बर 2012 और 12 मई 2016 को बीएचयू में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। 2016 में उन्होंने शताब्दी वर्ष की स्मृति में 100 रुपये का स्मृति सिक्का भी जारी किया था। यही नहीं उनके ही हाथों बीएचयू के लोगो वाला 10 रुपये का सिक्का भी जारी हुआ था।


2012 में आयोजित बीएचयू के विशेष दीक्षांत समारोह में ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में हुए चर्चित दुष्कर्म कांड पर अपना मौन तोड़ा था। उन्होंने बड़े ही मुखर होकर कहा था कि अगर नारी को सम्मान देना बंद कर दिया गया तो समाज का कोई वजूद नहीं रह जाएगा। एक और खास बात थी कि इसमें उनके साथ नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव को भी आमंत्रित किया गया था। इस दौरान उन्हें डाॅक्टर ऑफ लाॅ की मानद उपाधि देकर रिश्ते सुधारने की कवयद की गई थी।

 

12 मई 2016 को आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह को एक दिलचस्प किस्सा भुलाए नहीं भूलता। तत्कालीन कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने उनसे आने का अनुरोध किया तो उन्होंने अपनी स्वीकृति दे दी। पर रात्रिभोज के लिये राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने मेहमानों की संख्या कम रखने की बात कुलपति से कही तो पणब दा ने उन्हें तुरंत रोकते हुए कहा था कि मेहमानों की संख्या कुलपति पर छोड़ दीजिये।

Home / Varanasi / पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और बीएचयू का ये है खास कनेक्शन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो