scriptजल्द इतिहास बन जाएगा रेलवे का प्रिंटेड टिकट | Printed tickets of Railways will no longer be printed | Patrika News
वाराणसी

जल्द इतिहास बन जाएगा रेलवे का प्रिंटेड टिकट

जल्द ही बंद होने जा रहा है रेलवे का प्रिंटेड टिकट, अब कंप्यूटराइज्ड टिकट ही मिलेगा। गोरखपुर जहां यह टिकट छपता था, वह प्रेस ही बंद हो गया है।

वाराणसीSep 21, 2018 / 02:03 pm

Ajay Chaturvedi

रेलवे टिकट

रेलवे टिकट

वाराणसी. तकनीकी के विकास के साथ ही बहुत सारी चीजें पीछे छूटती जा रही हैं। इसी कड़ी में अब रेलवे का छपाई वाला टिकट अब जल्द ही इतिहास बन जाएगा। रेल प्रशासन अब इसे बंद करने जा रहा है। इसकी जगह अब कंप्यूटराइज्ड टिकट ही मिला करेगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। बड़े स्टेशनों की छोड़ें अब तो रोड साइड स्टेशन और हाल्ट पर भी अनरिजर्व टिकट सिस्टम से बुक होने वाले टिकट ही जारी होंगे। ऐसे में जल्द ही पुराने जमाने के छपाई वाला टिकट इतिहास बन जाएगा। संभव है कि इसे संग्रहालय आदि में स्थान मिल जाए।
रेलेव प्रशासन की बात करें तो हाल के दिनों में सबसे ज्यादा तकनीकी का इस्तेमाल इसी मंत्रालय में हुआ है। तकनीकी की ही बदौलत रेल यातायात व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जा रहा है, सारे सिस्टम अपग्रेड किए जा रहे हैं। ट्रेनों को अत्याधुनिक बनाने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में अब कंप्यूटर के जमान में छपाई वाले टिकट से भी रेल प्रशासन ने हाथ खड़ा करने का निर्णय ले लिया है।
हालांकि रेल छपाई टिकट बंद करने के पीछे बड़ा कारण गोरखपुर का रेलवे प्रेस बंद होना भी है। यह प्रिंटिंग प्रेस पिछले दो महीने से बंद है। ऐसे में रेलवे टिकट की छपाई दो महीने से बंद है। ऐसे में रेल प्रशासन ने यह नयी योजना तैयार की कि अब सभी छोटे-बडे स्टेशनों पर अन रिजर्व सिस्टम लगाया जाएगा। जो हाल्ट और स्टेशन छूट जाएंगे वहां बिना तारीख का यूटीएस टिकट मुहैया कराया जाएगा।
योजना पर अमल करने के लिए रेलवे बोर्ड ने यूटीएस के सॉफ्टवेयर को हाई-फाई बना दिया है। विशेष यह कि यूटीएस का ऑनलाइन सिस्टम फेल होने के बाद भी स्टेशनों से 72 घंटे तक टिकटों की बुकिंग की जा सकेगी। इसके बाद भी छोटे स्टेशनों पर पीसीटी की जगह यूटीएस टिकटों कां स्टाक सुनिश्चित किया जाएगा ताकि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो।
वैसे भी छपाई वाले रेल टिकटों का चलन महज हाल्ट स्टेशनों पर ही है भी। इसके अलावा कुंभ मेला मं इसका इस्तेमाल होता है। लकिन छपाई, ढुलाई और रख रखाव को लेकर रेलवे प्रशासन के सामने हमेशा परेशान रहता है। इसी बीच गोरखपुर के रेलवे प्रेस बंद होने से स्थिति और गंभीर हो गई है। उधर बताया जा रहा है कि नई दिल्ली स्थित सकूर बस्ती रेलवे प्रेस भी पूर्वोत्तर रेलवे के टिकटों क छपाई करने को तैयार नहीं है। यहां यह भी बता दें कि देश भर में छपाई वाले टिकट की प्रिंटिंग के लिए महज चार ही प्रिंटिंग प्रेस बचे हैं। ये भी अतिरिक्त छपाई को तैयार नहीं है। पूर्वोत्तर रेलवे में 500 स्टेशन हैं इसमें से 146 छोटे व हाल्ट स्टेशन हैं।
इस संबंध में एनई रेलवे, गोरखपुर जोन के सीपीआरओ संजय यादव का कहना है कि पीसीटी के बदले छोटे स्टेशन व हाल्ट पर भी यूटीएस उपलब्ध कराने का प्लान बनाया गया है। जल्द ही रोड साइड स्टेशनों पर यात्रियों को यूटीएस मिलने लगेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो