Priyanka Gandhi ने संत रविदास के बहाने मोदी सरकार पर साधा निशाना, बोलीं….
-Priyanka Gandhi संत रविदास की जयंती पर मत्था टेकने वाराणसी पहुंचीं -संत शिरोमणि के दर्शऩ के बाद चखा लंगर-रैदासियों के बीच संगत में संत रविदास की वाणी को आत्मसात करने का किया आह्वान-हिंसा और नफरत, जाति, धर्म व वर्गों में भेद-भाव दूर करने का आह्वान किया
डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदीवाराणसी. Priyanka Gandhi 9 फरवरी रविवार को पहुंची वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर और संत रविदास का दर्शऩ-पूजन किया। रैदासियों संग लंगर चखा। फिर संगत स्थल पर पहुंच कर रैदासियों के गुरु संत निरंजन दास का आशीर्वाद ग्रहण किया। इस दौरान प्रियंका को देखने भर के लिए, छूने भर के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी। रैदासियों को संबोधित करते हुए प्रियंका ने किसी का नाम न लेते हुए और संत रविवाद से बहाने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला। देश में फैली हिंसा और नफरत को दूर करने और जाति, धर्म व वर्गों के नाम पर भेद-भाव दूर करने का आह्वान किया। कहा कि यह भारत की आत्मा है। यही संत रविदास की सोच उनकी वाणी है, इसे जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है।
प्रियंका ने कहा कि संत रविदास का मानना था कि समाज और देश में न किसी का कोई धर्म है न जाति है। सभी एक ईश्वर की संतान हैं। वह राम और रहीम को एक मानते थे। ऐसे में उनकी सोच उऩके विचार वर्तमान संदर्भ में कहीं ज्यादा प्रासंगिक हैं। प्रियंका ने कहा कि भारत वर्ष में संत रविवादस की वाणी और उनके दर्शऩ को महत्ता देने और उसे दिल में उतारने की जरूरत है, न कि केवल जिह्वा तक सीमित रखने की। उन्होंने कहा कि आज जो समाज में हिंसा और नफरत है, उसे दूर करने के लिए ऐसे में संत गुरु की वाणी को याद रखना ही नहीं उसे जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। संत शिरोमणि की बातें केव प्रचार में नहीं दिल में हो, हमारे सब एक्शन में ताकि हम एक दूसरे का सम्मान कर सकें।
बताया कि भारतीय संविधान में भी सभी धर्म, जाति के लोगों को समान रूप से रहने और अपने-अपने महजब के अनुसार अपना कृत्य करने की छूट दी गई है। ऐसे में सभी को जरूरत इस बात की है कि संत शिरोमणि के वचनों को दिल में उतारें और उसका अनुसरण करें। हर जाति, हर धर्म के लोगों को अपनाएं।
उऩ्होंने गुरु निरंजन दास के प्रति आभार जताया कि उन्हें संत शिरोमणि के जन्म स्थान पर उनकी जयंती पर मत्था टेकने का अवसर मिला। कहा कि संत शिरोमणि के अनुसार सबके दिल में इंसानियत दिखनी चाहिए। उनकी वाणी और संदेश ने हमें हर किसी की इज्जत करना सिखाया। संत रविदास की सोच थी कि हमें किसी को जाति-पाति, धर्म या किसी भी वर्ग में बांट कर नहीं देखना चाहिए। यही सोच भारत देश की नींव और आत्मा है। भारतीय संविधान में भी ऐसी ही सोच थी आज भी ऐसा ही होना चाहिए। किसी के साथ धर्म, जाति या अन्य वर्ग के नाम पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।
IMAGE CREDIT: पत्रिका यह भारत भूमि की जीवन शैली है। हमें उनकी वाणी से सीखना चाहिए। सद्गुरु रविवादास ने बेगमपुरा का सपना देखा था जहां सभी को समान रूप से सम्मान मिले। धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई बैर न हो। इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है कि संत रविदास की वाणी को याद रखें, हमारे सारे कार्यों में आपसी एकता का भाव हो, सभी के प्रति सम्मान हो।
जगत पितामह साहेबे कमाल सद्गुर श्री रविदास जी महाराज के चौखट पर मत्था टेकने का मौका मिला यह मेरा सौभाग्य है। संत कबीर दास और संत रविदास के दिल व वाणी में कोई बैर नहीं। हमारी बहुत पुरानी सोच रही है कि हर इंसान में ईश्वर दिखता है। हर इंसान में एक भगवान दिखना चाहिए। संत रविदास की सोच के अगुवा थे। वह कहते थे हम सब एक ही मिट्टी से बने हैं।
IMAGE CREDIT: patrika इस मौके पर प्रियंका ने लंगर स्थल से संगत स्थल तक रोड शो भी किया। इस दौरान उन्होंने सभी रैदासियों का अभिवादन स्वीकर किया। माथे पर पटका बांधे, हल्की मुस्कान बिखेरते वह हाथ हिलाते चल रही थीं और लोग स्वागत में जयघोष भी कर रहे थे। संगत स्थल पर गुरु निरंजन दास ने संत रविदास की प्रतिमा और अंग वस्त्रम भेंट कर आशीर्वाद दिया।
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