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वाराणसी

रेलवे की इस प्रणाली से अब नहीं छूटेगी किसी की ट्रेन, सभी को मिलती रहेगी हर तरह की जानकारी

अर्द्ध कुंभ के मौके पर रेलवे ने इलाहाबाद जंक्शन पर प्रारंभ की बहुभाषीय उद्घोषणा।

वाराणसीJan 17, 2019 / 05:51 pm

Ajay Chaturvedi

Allahabad Junction

Allahabad Junction

वाराणसी. उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन ने एक ऐसी प्रणाली तैयार की है जिससे हर रेल यात्री की यात्रा सुविधाजनक हो जाएगी। किसी को किसी तरह की असुविधा नहीं होगी। खास तौर पर भाषा को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
रेलवे ने मकर संक्रांति के दिन इलाहाबाद जंक्शन पर यह सुविधा शुरू की है ताकि देश के कोने-कोने से अर्द्ध कुंभ के लिए आने वाले स्नानार्थियों को किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके तहत स्टेशन पर हिंदी में की जाने वाली उदघोषणाओं का स्वचालित रूप से 06 विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा सकता है। इस प्रणाली के तहत एक उदघोषणा ऑटो-रिकॉर्ड होती है और विभिन्न भाषाओं, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तमिल, मलयालम में विशेष रूप से विकसित सॉफ़्टवेयर द्वारा अनुवादित की जाती है। ऐसे में यह प्रणाली उन लोगों के लिए विशेष लाभदायी साबित हो सकती है जो हिंदी या अंग्रेंजी नहीं जानते।
इस प्रणाली का इस्तेमाल गैर हिंदी भाषी यात्रियों को रेलवे स्टेशनों, यात्री आश्रय स्थलों आदि में की जा रही उदघोषणाओं को समझाने के लिए किया गया है। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी गौरव कृष्ण बंसल के मुताबिक अर्द्ध कुंभ मेले की तैयारियों के दौरान ही एहसास हो गया था कि इस तरह की बहुभाषी उदघोषणा प्रणाली की आवश्यकता होगी। वह कहते हैं कि “वाणिज्य विभाग ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित इस प्रणाली का प्रयोग करने की योजना बनाई, जिसने इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन पर सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर दिया है.”
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि अभी तेलुगु, उड़िया और बांग्ला भाषा में भी हिंदी उदघोषणाओं के स्वचालित अनुवाद पर काम चल रहा है. प्रथम चरण में इस प्रणाली को इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन पर प्लेटफार्मों पर और यात्री आश्रयों में 14 जनवरी से प्रारंभ कर दिया गया है।

द्वितीय चरण में इसे 21 जनवरी को दूसरे मुख्य स्नान दिवस से पहले नैनी और इलाहाबाद छिवकी स्टेशनों के साथ-साथ संगम क्षेत्र (रेलवे कैंप) में भी इसे प्रारंभ करने की योजना है. गैर-हिंदी भाषी यात्रियों के मध्य स्टेशन पर अपने परिजनों का पता लगाने में मदद करके यह प्रणाली पहले ही अपनी उपयोगिता साबित कर चुकी है।

सीपीआरओ का कहना है कि भविष्य में उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक फेस टू फेस इन्क्वायरी सिस्टम विकसित करने की योजना बना रहे हैं, जिसका उपयोग गैर-हिंदी भाषी यात्रियों द्वारा स्टेशनों के पूछताछ काउंटर पर काम करने वाले कर्मियों से उनके सवालों के जवाब पाने के लिए किया जा सकेगा।

रेलवे का दावा है कि इस तरह की यात्री सूचना प्रणाली यात्री सुविधाओं के क्षेत्र में ‘गेम चेंजर’ साबित होगी। हर साल बड़ी संख्या में और खासतौर पर प्रत्येक कुंभ और अर्द्ध कुंभ या इस जैसे मेलों में बड़ी तादाद में पवित्र नगर प्रयागराज आने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। इसकी उपयोगिता के आधार पर निकट भविष्य में उन रेलवे स्टेशनों पर भी इसका विस्तार किया जाएगा जहां स्थानीय भाषाओं की समझ रखने वालों के साथ दूसरी स्थानीय भाषाओं को समझने वाले यात्री पहुंचते हैं। ज्यादातर धार्मिक स्थलों से कनेक्टेड रेलवे स्टेशनों के लिए यह लाभदायी हो सकती है।


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