बतादें कि नये कुलति के लिए पांच मई को सर्च कमेटी की बैठक राजभवन में हुई थी। सर्च कमेटी ने पांच नामों का पैनल तैयार कर कुलाधिपति (राज्यपाल) के सामने प्रस्तुत किया था। जिसमें प्रो.राजाराम शुक्ल रेस में सबसे आगे बताये जा रहे थे। हुआ भी वही राजभवन ने लेटर जारी कर शुक्ल के नाम पर मुहर लगा दी।
बतादें कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय मौजूदा कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे का कार्यकाल एक फरवरी को समाप्त हो गया था। तीन महीने के लिए दो बार उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। इसके बाद से ही नये कुलपति के नाम को लेकर इंतजार तेजी से हो रहा था। प्रो.राजाराम शुक्ल के कुलपति बनाये जाने के जानकारी जैसे ही लोगों को हुई उनके करीबी खूशी से झूम उठे। शुक्ल को फोन कर लोगों ने बधाई दिया।
मार्च में बीएचयू अप्रैल में काशी विद्वयापीठ और मई में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विवि में नये वीसी की तैनाती बतादें कि बनारस के तीन विवि में तीन महीने के भीतर ही तीन नये वाइस चांसलर मिले हैं। सबसे पहले मार्च महीने में बीएचयू के नये वीसी राकेश भटनागर की नियुक्ति हुई। उन्होने जीसी त्रिपाठी की जगह ली। उसके बाद अप्रैल के महीने में काशी विद्यापीठ को मुंबई के अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर टीएन सिंह के रूप में नये वीसी मिले। टीएन सिंह ने डा. पी नाग के स्थान पर वीसी का पद संभाला। फिर मई के महीने में सम्पूर्णानन्द प्रो.राजाराम शुक्ल को संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी नियुक्त किया गया। शुक्ल ने प्रोफेसर यदुनाथ दुबे की जगह ली है।