कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तीथि को पवनपुत्र हनुमान जी की जयंती मनाने का विधान है। इसके तहत श्री संकटमोचन मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का अपार जनसमूह उमड़ा। मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र के सानिध्य में प्रात: 5.30 बजे हनुमान जी का विशेष श्रृंगार कर भव्य आरती की गई। इसके पश्चात महंत जी ने अपने हाथों से भक्तों में प्रसाद का वितरण किया। इस अवसर पर मंदिर में अपार जनसमूह उमड़ा हुआ था, हर हर महादेव व जय बजरंग बली के उद्घोष से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज रहा था।
उधर काशी विश्वनाथ रेड जोन स्थित अक्षयवट हनुमान का जन्मोत्सव भी धूम-धाम से मनाया गया। देर रात लग्नानुसार मंगल मुहूर्त में अंजनी पुत्र का जन्मोत्सव किया गया। बाबा का पंचामृत स्नान कराया गया। फिर नूतन वस्त्र धारण करा कर गेंदा,तुलसी, टेंगरी के मालाओं से भव्य सजावट किया गया। बाबा को लड्डू ,फल, चना का भोग लगाया गया और महंथ हरि गोविंद पाठक ने हनुमत लला की महाआरती की। आरती-पूजन के बाद भोर में 4.30 बजे भक्तो के दर्शन के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया गया। भक्तो न हनुमत दर्शन-पूजन कर शुख-समृद्धि की कामना की। भक्तो में प्रसाद स्वरूप लड्डू, चना का वितरण किया गया । इसी तरह से रथयात्रा स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर, दुर्गा मंदिर के पीछे स्थि बकटी हनुमान जी जिन्हें सेनापति भी कहा गया है, रामकटोरा आदि मंदिरों में भी हनुमान जी का सविधि जन्मोत्सव मनाया गया।