वाराणसी. पूर्वांचल और राम मंदिर को लेकर एक बार फिर सियासत गरमाने वाली है। भाजपा के बाद अब भासपा भी राममंदिर के पक्ष में आ गई है। पार्टी ने साफ किया है कि मंदिर का निर्माण वहीं होना चाहिए, जहां मंदिर था। इसके बाद मंदिर का मुद्दा यूपी के चुनावी बिसात पर फिर बिछता दिख रहा है।
दरअसल, भारतीय समाज पार्टी की पूर्वांचल की राजनीति में अपना वोट बैंक है। पार्टी कई सीटों को प्रभावित करती है। इस बार चुनाव में पार्टी 152 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि पार्टी को राष्ट्रीय पार्टियों से गठबंधन से परहेज भी नहीं है।
इसलिए राम मंदिर का मुद्दा अहम
दरअसल, वर्तमान में जो हालात चल रहे हैं और ध्रुवीकरण का जो खेल हो रहा है, उसे देखते हुए राजनीतिक दलों को अपना स्टैंड तय करना पड़ रहा है। पूर्वांचल में हमेशा ही छोटे दलों ने सियासी समीकरण बदलने में अहम जिम्मेदारी निभाई है। एेसे में अगर राष्ट्रीय पार्टियों के साथ इनका गठबंधन होता है, तो निश्चित तौर पर चुनाव पर असर पड़ेगा। इधर बीच पूर्वांचल में सक्रिय हुई ओवैसी की पार्टी भी मुस्लिमों में अच्छा पैठ बना रही है। ऐसे में बीजेपी के साथ ही भासपा ने भी राममंदिर का मुद्दा उछाल दिया है।
सपा ने खोजा है तोड़
सपा सरकार ने भी राम मंदिर का तोड़ खोज निकाला है। अब पार्टी हर जिले में मंदिर बनवाने की बात कह रही है। कुल मिलाकर यूपी चुनाव की पृष्ठभूमि पूरी तरह तैयार हो रही है।
यह कहना है राष्ट्रीय अध्यक्ष का
भासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी पार्टी का मत साफ है। राम मंदिर जहां था, वहीं बनना चाहिए। पूर्वांचल राज्य समय की जरूरत है। अगर मुद्दों पर भाजपा या कोई अन्य राष्ट्रीय पार्टी हमशे समझौता करती है तो कोई परहेज नहीं है। हमने पिछले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था, यह चुनाव महत्वपूर्ण है।
प्रदेश का पैसा दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने में कर रहे खर्च
ओम प्रकाश राजभर ने आरोप लगाया कि सपा और बसपा प्रदेश का पैसा दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने में खर्च कर रही हैं। ये प्रदेश की जनता के साथ धोखा है।