ट्रेन से बचने के लाख जतन किए, पर मौत ने नहीं छोड़ा पीछा
रेवाड़ी-अलवर रेल मार्ग परहरियाणा में बावल के पास गांव चिराहड़ा के रेलवे फाटक संख्या 67 के निकट शुक्रवार सुबह पैदल रेल लाइन पार कर रहे दो जनों की भिवानी से मथुरा जा रही पैसेंजर सवारी गाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई।
वाराणसी•Aug 05, 2016 / 09:15 pm•
रेवाड़ी-अलवर रेल मार्ग परहरियाणा में बावल के पास गांव चिराहड़ा के रेलवे फाटक संख्या 67 के निकट शुक्रवार सुबह पैदल रेल लाइन पार कर रहे दो जनों की भिवानी से मथुरा जा रही पैसेंजर सवारी गाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई।
हादसे में ट्रेन का इंजन फेल हो गया। ट्रेन दुर्घटना स्थल से लगभग तीन सौ मीटर दूरी पर जाकर रुक गई। बाद में अजरका से अतिरिक्त इंजन भेजकर ट्रेन को रवाना किया गया। इस दौरान ढ़ाई घंटे तक ट्रेन खड़ी रही। जिससे यात्रियों को खासी परेशानी हुई।
रेवाड़ी जीआरपी थाना पुलिस ने बताया कि मृतक रामरत्न (45) पुत्र काशीराम गांव चिराहड़ा निवासी अपने खेत में लाइन पार कर पीने का पानी ले जा रहा था। इसी दौरान रेलवे लाइन पर मुशासी कम्पनी में ड्यूटी करने जा रहा लाल लिजापति बहादुर पुत्र सिजापति बहादुर निवासी नेपाल उसके साथ साथ बात करते चल रहा था।
अचानक दोनों लाइनों पर अलग-अलग दिशा से तेज गति में सवारी गाड़ी आ गई। दोनों अलवर से रेवाड़ी जाने वाली ट्रेन से तो बच गए, लेकिन दूसरे ट्रैक पर आई भिवानी-रेवाड़ी सवारी गाड़ी की चपेट में आ गए। ट्रेन ड्राइवर ने हादसे की सूचना जीआरपी को दी।
जीआरपी ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एक अन्य हादसे में बावल अजरका रेल मार्ग पर गांव शाहपुर के निकट लाइन पार कर जा रहे बिंंटू (25) वर्षीय पुत्र मोहन लाल गैंगमैन निवासी शाहपुर की मौत हो गई।
Home / Varanasi / ट्रेन से बचने के लाख जतन किए, पर मौत ने नहीं छोड़ा पीछा