scriptFellowship के लिए IIT BHU के शोध छात्रों का हंगामा, निदेशक कार्यालय में दिया धरना | Ruckus of research students of IIT BHU for fellowship | Patrika News
वाराणसी

Fellowship के लिए IIT BHU के शोध छात्रों का हंगामा, निदेशक कार्यालय में दिया धरना

IIT BHU के शोध छात्रों ने सोमवार को 6 महीने से रुकी Fellowship के लिए जमकर हंगामा किया। वो संस्थान के निदेशक कार्यालय पहुंचे और वहीं धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि फेलोशिप न मिलने से उनका शोध कार्य प्रभावित हो रहा है। इस दौरान छात्रों की डीन व रजिस्ट्रार संग तीखी नोकझोंक भी हुई।
 

वाराणसीMar 28, 2022 / 07:23 pm

Ajay Chaturvedi

आईआईटी बीएचयू निदेशक कार्यालय में धरने पर बैठे शोध छात्र

आईआईटी बीएचयू निदेशक कार्यालय में धरने पर बैठे शोध छात्र

वाराणसी. IIT BHU के शोध छात्रों ने सोमवार को 6 महीने से रुकी Fellowship के लिए निदेशक कार्यालय में जमकर हंगामा किया। उनका आरोप रहा कि उन्हें पिछले सात महीने से फेलोशिप नहीं मिल रही है जिससे उनका कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे करीब 78 शोध छात्र हैं जिन्हें सितंबर से फेलोशिप नहीं मिल रही है।
आंदोलित शोध छात्रों का कहना था कि सितंबर से ही संस्थान के 78 शोध छात्रों को मेंटेनेंस फेलोशिप नहीं मिल रही। ये वो छात्र हैं जिनके शोध करते पांच साल पूरे हो चुके हैं। नियमानुसार उन्हें 6 माह का मेंटेनेंस फेलोशिप दी जाती थी। लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। इस संबंध में जब भी संस्थान के जिम्मेदारों से बात की जाती है तो महज आश्वासन ही मिल रहा। उन्होंने कहा कि ऐसे ही कोरोना के चलते उनका दो साल बर्बाद हो चुका है। अब बिना किसी आर्थिक सहायता के 10 महीने से शोध कार्य में जुटे हैं। कहा कि आखिर घर से पैसे लगाकर कितने दिनों शोध कार्य चल पाएगा।
बता दें कि संस्थान में शोध छात्रों को पांच साल तक रिसर्च फेलोशिप मिलती है। पांच साल में शोध पूरा न होने की सूरत में ऐेसे शोध छात्रों को मेंटेनेंस फेलोशिप मिलती रही। इसके तहत 15 हजार रुपए दिए जाते रहे। ऐसे में छह महीने का कुल 90 हजार रुपए प्रति शोध छात्र का बकाया है।
धरना प्रदर्शन के दौरान निदेशक कार्यालय में छात्रों की डीन व रजिस्ट्रार के बीच में नोकझोंक भी हुई। वैसे छात्रों अपनी बात पर अड़े रहे। उनका कहना रहा कि जब तक उन्हें मेटेनेंस फेलोशिप देने का ठोस आश्वासन नहीं मिलता वे यहां से उठेंगे नहीं।
मौके पर मौजूद रजिस्ट्रार राजन श्रीवास्तव ने कहा कि आईआईटी में कोई भी फैसला चाहे वित्त से जुड़ा हो या एकेडमिक, उसे बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक में रखा जाता है और बोर्ड की हरी झंडी मिलने के बाद ही निर्णय किया जाता है। ये मुद्दा भी बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक में रखा जाएगा। बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद छात्रों के खाते में फेलोशिप की राशि भेज दी जाएगी।

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