सपा के इस कार्यकर्म में अखिलेश बनाम शिवपाल यादव की लड़ाई साफ दिखी मंच पर किसी शिवपाल समर्थक को जगह नही मिली। जिले में सपा के पूर्व आठ विधायको और तीन पूर्व सांसदों के होने के बावजूद पुरे प्रदर्शन में कुर्सियाँ तक खाली रही। जिले के सभी पदाधिकारी तक कार्याक्रम का हिस्सा नही बने।जिले में मजबूत मानी जाने वाला सपा संगठन बिखरा हुआ दिखा। पूर्व विधायक अंसार अहमद ने भाजपा की सरकार को किसान विरोधी बताया ।योगी की सरकार समाज के लोगो को बाटने का काम कर रही है। अगस्त क्रान्ति की वर्षगाठ पर सपा भाजपा के खिलाफ विरोध का विगुल बजाते हुए दिखी। सपा के इस पुरे कार्यक्रम को भाजपा के खिलाफ आन्दोलन की शुरुआत मानी जा रही है। 1942 में गांधी जी ने अंग्रेजों भारत छोड़ों का नारा दिया तो वही आज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा नेताओं ने भाजपा मुक्त देश और भाजपा मुक्त प्रदेश का नारा लगया। मोदी की सरकार को सपाई नेताओ ने तानाशाह बताया।
वही राजनीतिक तौर पर सपा कांग्रेस का गठबंधन है, लेकिन आज दोनों सपा और कांग्रेस अलग अलग कार्यक्रम किये। जिला मुख्यालय के एक तरफ सपाईयों का मंच लगा तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी अगस्त क्रान्ति पर मानाने का मंच लगाया। लेकिन आलम यह रहा कि नेहरु की धरती पर गांधी के आह्वान के ऐतिहासिक दिन पर भी मुठ्ठी भर लोग नही आ सके। पूर्व विधायक अनुगह नारायण सिंह आए और कुछ ही देर में चले गये। इस दौरान अनुगह नारायण ने प्रधनामंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला। अनुग्रह नारयण सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना अग्रेजी हुकुमत से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह अपने हक को मांगने पर देश के गरीबों और शोषित लोगों को कोड़े खाने पड़ते है। उसी तरह आज मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ बोलने वालों को जेल भेज दिया जा रहा, सीबीआई का डर दिखाया जा रहा है।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने शपथ ली की और कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियों से देश को बचाने के लिये कांग्रेसी जन सघर्ष करेंगे। गाँधी के धर्मनिरपेक्ष भारत के संकल्प को पूरा करेंगे। कांग्रेस के पूर्व विधायक ने भाजपा को सांप्रदायिक और प्रधानमंत्री मोदी को व्यापारी बताया और कहा कि मोदी व्यापार से देश चलाना चाहते है, बड़े बड़े घरानों के हाथो में देश चल रहा है। नेताओं ने कहा कि जो गुजरात के चुनाव में हुआ, वो देश के इतिहास में काले दिन की तरह है। गुजरात में देश की सरकार ने पूरी ताकत लगा दी और लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश की । अगस्त क्रान्ति दिवस की वर्षगांठ पर भाजपा और मोदी सरकार पर विरोधियों ने जमकर हमलावर रहे और साम्प्रदायिक करार दिया ।