जिसा विद्यालय निरीक्षक ओपी राय के अनुसार जिले कक्षा 12 तक के समस्त विद्यालय शीतलहर के कारण दिनांक 04 जनवरी 2018 तक बंद रहेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से जनपद के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के समस्त राजकीय, वित्तपोषित, स्ववित्त पोषित, यूपी.बोर्ड सीबीएसई व आईसीएससी बोर्ड पर लागू होगा। आदेश का उल्लंघन दंडनीय होगा। हालांकि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा एवं उनसे संबंधित समस्त कार्य यथावत जारी रहेंगे। संबंधित प्रधानाचार्य एवं अध्यापक विद्यालय में उपस्थित रहकर उक्त कार्यों का नियमानुसार संपादन करेंगे।
बता दें कि जिले में शीतलहर के प्रकोप के चलते पहले बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने पांचवीं तक की कक्षाओं की टाइमिंग बदली थी। कहा था कि सभी प्राइमरी तक की कक्षाएं दिन के 10 बजे से संचालित होंगी। फिर आठवीं तक की कक्षाएं बंद की गईं। तीसरे चरण में इंटर तक की कक्षाएं बंद की गई हैं।
जिले में वैसे तो करीब एक सप्ताह से ठंड का प्रकोप है। लेकिन 31 दिसंबर 2017 से शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। नए साल के पहले दिन वाराणसी का अधिकतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा। दो जनवरी को अधिकतम तापमान में गिरवाट आई और यह 12.8 डिग्री सेल्सिय पहुंच गया। हालांकि न्यूनतम तापमान में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई और पारा 9.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ऐसे में दिन के 10 बजे से संचालित स्कूलों में भी बच्चों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है लिहाजा डीआईओएस ने 12 वीं तक की कक्षाओं को चार जनवरी तक के लिए बंद किया है। पांच जनवरी को सिक्खों का पर्व है लिहाजा अब विद्यालय छह जनवरी को खुलेगा।
लेकिन इस भयंकर शीतलहर में भी नगर निगम की उपेक्षा चरम पर है। अलाव कहीं नहीं दिख रहा है। वैसे कहने को कागज पर 50 से अधिक जगहों पर नगर निगम अलाव जलवा रहा है पर हकीकत में ये कहीं नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में राहगीरों, रिक्शा, ट्राली चालक व भिक्षुकों का बुरा हाल है। रात में ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मी भी इस शीतलहर में बेहद कठिनाई का सामना कर रहे हैं। लेकिन नगर निगम प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं है।