शिवपाल यादव की पिछले 15 दिनों की यात्राओं पर नजर डालें तो वो प्रयागराज, भदोही, गाजीपुर, बनारस, बलिया देवरिया समेत पूर्वांचल के कई जिलों में पहुंचर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। संगठन के छोटे-बड़े नेताओं से मुलाकात कर उन्होने पार्टी को लोगों से जोड़ने के लिए कई सुझाव भी दिये। माना जा रहा है कि अगर शिवपाल की सक्रियता इसी कदर बढ़ती रही तो आने वाले दिनों में भी वो सपा की राह मुश्किल कर सकते हैं।
कहा सपा में विलय कभी नहीं प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से कई जगहों पर पत्रकारों ने सवाल भी किया कि आने वाले दिनों में क्या प्रसपा का सपा में विलय होगा। इस बात के जवाब में उन्होने कहा था कि हमारी पार्टी का सपा में विलय कभी नहीं होगा। इतना हो सकता है कि अगर सपा ने आगे हाथ ब़ढ़ाया तो पार्टी गठबंधन को लेकर विचार कर सकती है।
शिवपाल को 2022 से उम्मीद शिवपाल सिंह यादव को उम्मीद है कि 2022 तक प्रसपा अपना संगठन तेजी से खड़ा करेगी जिसके सहारे विधानसभा चुनाव में उसे कई सीटें आ सकती हैं। इसी के लिए वो लगातार कई जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं को आगे की तैयारी के लिए टिप्स दे रहे हैं।
तो सपा के लिए बढ़ेगी दिक्कत अगर शिवपाल ने प्रसपा के संगठन को मजबूत करने के लिए इसी तरह से ताकत लगाई तो आने वाले दिनों में फिर सपा की मुश्किल बढ़ेगी। यादव वोटबैंक के साथ ही कई अन्य पिछड़ी जाति के नेताओं को साधकर शिवपाल यादव सपा की राह में रोड़ा डाल सकते हैं।