तो फिर इन दलों से गठबंधन होना कठिन होगा
मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव के सपा से किनारे होने के बाद ही अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके यूपी चुनाव २०१७ लड़ा था। इसके बाद यूपी में महागठबंधन बनने की अटकले लग रही है। बिहार में लालू यादव की सभा में पहली बार अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंच साझा किया था। इसके बाद से माना जा रहा है कि फूलपुर संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में सपा व बसपा गठबंधन कर सकते हैं। यह बाते इसलिए हो रही थी कि सपा में मुलायम व शिवपाल का दौर खत्म हो गया है, लेकिन इन नेताओं की सपा में सक्रियता बढ़ते ही बसपा व कांग्रेस से गठबंधन होगा। इस पर संशय के बादल छा गये हैं।
यह भी पढ़े:-दीक्षांत समारोह में दिखेगा संसद भवन, पूरे होंगे मेधावियों के सपने
मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव के सपा से किनारे होने के बाद ही अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके यूपी चुनाव २०१७ लड़ा था। इसके बाद यूपी में महागठबंधन बनने की अटकले लग रही है। बिहार में लालू यादव की सभा में पहली बार अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंच साझा किया था। इसके बाद से माना जा रहा है कि फूलपुर संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में सपा व बसपा गठबंधन कर सकते हैं। यह बाते इसलिए हो रही थी कि सपा में मुलायम व शिवपाल का दौर खत्म हो गया है, लेकिन इन नेताओं की सपा में सक्रियता बढ़ते ही बसपा व कांग्रेस से गठबंधन होगा। इस पर संशय के बादल छा गये हैं।
यह भी पढ़े:-दीक्षांत समारोह में दिखेगा संसद भवन, पूरे होंगे मेधावियों के सपने
बनने से पहले दरकने लगी महागठबंधन की दीवारे
संसदीय चुनाव २०१९ में बीजेपी को पटखनी देने के लिए महागठबंधन की नींव तैयार की गयी थी, लेकिन महागठबंधन बनने से पहले ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलग होते ही उसकी दीवार दरकने लगी। इसके बाद सबकी निगाहे यूपी पर टिकी है। मुलायम कुनबा एक हो जाता है तो सपा के साथ अन्य दलों का गठबंधन होना आसान नहीं होगा। ऐसा होता है तो महागठबंधन की पूरी हवा ही निकल जायेगी।
यह भी पढ़े:-घाट संध्या की 246 शाम को भरतनाट्यम की प्रस्तुति
संसदीय चुनाव २०१९ में बीजेपी को पटखनी देने के लिए महागठबंधन की नींव तैयार की गयी थी, लेकिन महागठबंधन बनने से पहले ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलग होते ही उसकी दीवार दरकने लगी। इसके बाद सबकी निगाहे यूपी पर टिकी है। मुलायम कुनबा एक हो जाता है तो सपा के साथ अन्य दलों का गठबंधन होना आसान नहीं होगा। ऐसा होता है तो महागठबंधन की पूरी हवा ही निकल जायेगी।
यह भी पढ़े:-घाट संध्या की 246 शाम को भरतनाट्यम की प्रस्तुति