पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार को शिवपाल यादव का बेहद खास माना जाता है, हालांकि शैलेंद्र की ओर से अब तक ऐसा कोई बयान नहीं आया है, इसके अलावा जिले मे सपा के कई पूर्व अध्यक्ष भी शिवपाल के साथ जाने को बेताब हैं, यह वही जिलाध्यक्ष है, जिन्हें अखिलेश यादव की नीतियों से पहरेज है। फिलहाल जिले मे अभी तक किसी भी समाजवादी नेता व पदाधिकारी ने शिवपाल के मोर्चे मे जाने संबंधी कोई बयान नहीं जारी किया है, मगर इस बात की चर्चा जोरों पर है शैलेंद्र कुमार शिवपाल यादव की पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा से कौशांबी से आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी हो सकते हैं।
वहीं शिवपाल यादव के सबसे बड़े करीबी मिर्जापुर के लालगंज से पूर्व ब्लॉक प्रमुख जय सिंह का भी 2019 लोकसभा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। पूर्व ब्लॉक प्रमुख जय सिंह सपा के असंतुष्ट नेताओं को साधना भी शुरू कर दिया है। शिवपाल गुट के नेता पूर्व लालगंज ब्लॉक प्रमुख जय सिंह का कहना है कि हम सभी को नेता जी का आशीर्वाद प्राप्त है, जो भी शिवपाल जी का निर्देश मिलेगा, हम सभी तैयार हैं। बता दें कि जय सिंह का लालगंज सहित जिले के छानवे, मड़िहान इलाको में अच्छा खासा प्रभाव है। शिवपाल यादव ने पार्टी में मचे घमासान के बीच प्रदेश अध्यक्ष रहते उन्हें समाजवादी पार्टी का जिला अध्यक्ष भी बनाया था। जय सिंह को मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया जा सकता है ।
शादाब फातिमा गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक रह चुकी हैं और शिवपाल यादव की बेहद करीबी हैं। लोकसभा चुनाव में गाजीपुर लोकसभा सीट से इनकी दावेदारी सबसे मजबूत है । मलिक मसूद
सगड़ी के पूर्व विधायक मलिक मसूद मजबूती के साथ शिवपाल यादव के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। अभिषेक सिंह आंशू को शिवपाल की पार्टी में अहम जिम्मेवारी मिलने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट से मलिक मसूद का दावा मजबूत हुआ है। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया तो साफ कहा कि अपने परिवार में अगर कोई मर्द है तो शिवपाल हैं। वे जो कहते है उसे करने में विश्वास रखते हैं। उनसे मेरा अच्छा संबंध हैं। अगर वे मुझे बुलाते हैं तो मैं जरूर उनके साथ जाउंगा। मलिक मसूद के मैदान में आने से सपा का गणित बिगड़ सकता है।
गुड्डू प्रकाश यादव पूर्व ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं और वर्तमान में इनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं। विधानसभा चुनाव 2017 के समय शिवपाल और अखिलेश यादव के झगड़े के बाद इन्हें सपा से निष्काषित कर दिया गया था। समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन के बाद इनका मऊ लोकसभा सीट से दावा मजबूत हुआ है। वर्तमान में वह शिवपाल यादव के साथ मजबूती से खड़े नजर आ रहे हैं।
शिवपाल के पार्टी के गठन होते ही सिद्धार्थनगर के कद्दावर सपा नेता और मुलायम के बेहद करीबी मलिक कमाल यूसूफ ने शिवपाल का दामन थाम लिया था। कमाल यूसूफ के शिवपाल के साथ आने से डुमरियागंज संसदीय सीट पर सपा का गणित गड़बड़ा गया है। शिवपाल की पार्टी से कमाल युसूफ मलिक का डुमरियागंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना तय है। कमाल युसूफ मलिक सपा सरकार में दो बार मंत्री और इस सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं ।