सपा नेता नेता ने कहा कि केवल 2019 ही नहीं, 2014 में भी उन्होंने ऐसे ही हलफनामा जमा किया था। वह चाहे सात अप्रैल 2014 हो या 25 अप्रैल 2019 दोनों वक्त नामांकन पत्र दाखिल किया गया है, उसमें खामियां है। उन्होंने दोनों ही हलफनामे में पत्नी के कॉलम में नॉट नोन भरा है जो सही नहीं।
उन्होंने बताया कि प्रचार का शोर थमने वाले दिन वाराणसी के पूर्व सांसद वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी बनारस आ गए है। वह मतदान करने आए है। यहीं उन्होंने कहा कि भाजपा के ही कई वरिष्ठ नेता भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ नोटा का प्रचार कर रहे है। यह पूछे जाने पर कि तो क्या डॉ जोशी की ओर तो इशारा नहीं, उन्होंने कहा कि ये तो वही बताएंगे। लेकिन भाजपा के लोग पार्ट प्रत्याशी के विरुद्ध नोटा का प्रचार अभियान चला रहे हैं यह कंफर्म है।
ये भी पढ़ें- गठबंधन प्रत्याशी शालिनी का आरोप, सत्ता के दबाव में काम कर रहा प्रशासन एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि इस चुनाव में गठबंधन बहुत मजबूती से लड़ रही है। पूर्वांचल में चाहे मंत्री हों या प्रदेश अध्यक्ष सभी की हालत खराब है। उनका इशारा मनोज सिन्हा और डॉ महेंद्र नाथ पांडेय की ओर था।
पश्चिम बंगाल की हिंसा पर कहा यह दुर्भाग्य है। ईश्वरचंद विद्यासागर तो सरस्वती पुत्र हैं। उन्होंने समाज की दिशा बदली। महिलाओं के लिए कई सुधारात्मक अभियान चलाए। ऐसी महापुरुष की प्रतिमा तोडने का काम कोई बुद्धि विहीन व्यक्ति ही कर सकता है। साथ ही कहा कि अब अगर नरेंद्र मोदी यह कहते हैं कि वह धातु कि विशाल प्रतिमा बनवाएंगे, यह फिजूल की बात है, प्रतिमा तोड़ी ही क्यों गई। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने सही कहा है कि उन्हें भीख नहीं चाहिए।
शतरुद्र प्रकाश ने भी प्रशासन पर सत्ता के दबाव में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को फर्जी मुकदमें में फंसाने, लोगों 12 साल से लेकर 70 साल तक के बुजुर्गों को पाबंद करने का आरोप लगाया। कहा कि अब प्रशासन को किशोरों और बुजुर्गों से शांति भंग का डर सता रहा है। एक ही मोहल्ले के 18-20 लोगों पर जबरन फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया जा रहा है।
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