वक्ताओं ने कहा कि जहां एक तरफ देश गरीबी, किसान आत्महत्या, भुखमरी, शिक्षा की बदहाल स्थिति, महिलाओं के प्रति हिंसा, बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है वहीं वर्तमान सरकार राम मंदिर जैसे विषयों पर विभिन्न माध्यमों से चर्चा करवा रही है और देश का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रही है। छात्रों ने कहा देश का युवा रोजगार की मांग कर रहा है और सरकार उनको मंदिर जैसे मुद्दों पर उलझाना चाहती है। बीएचयू परिसर में छात्रों को 24 घंटे लाइब्रेरी की सुविधा चाहिए, देश के गिरती हुई आर्थिक हालात पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य है की यहां पर मंदिर पर सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। सभा के बाद लंका से रविदास गेट तक प्रतिरोध मार्च भी निकला गया।
विरोध मार्च और सभा में बीएचयू के छात्रों के अलावा बनारस के विभिन्न नागरिक और सामाजिक संगठन शामिल रहे। बीएचयू गेट पर हुई सभा को संबोधित करने वालों में डॉ आनन्द प्रकाश तिवारी, डॉ जागृति राही, मणिंद्र नाथ मिश्र, डॉ अनूप श्रमिक, सरिता पटेल, विश्वनाथ कुंवर, विकास सिंह, गोविंद शर्मा, रामायण पटेल, निर्भय सिंह, अनुपम, अवंतिका आदि प्रमुख थे। विरोध मार्च में आकांश, शैलेश कुमार, अनुराग पटेल, इप्शिता, प्रियेश, विवेक, रौशन, शिवम आदि शरीक हुए।