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वाराणसी

तेज बहादुर यादव के नामांकन करने से लेकर निरस्त होने की यह है पूरी कहानी

पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे का सपना रह गया अधूरा, जानिए क्यों हुआ पर्चा रद्द

वाराणसीMay 01, 2019 / 06:57 pm

Devesh Singh

Tej Bahadur Yadav

Tej Bahadur Yadav

वाराणसी. महागठबंधन के प्रत्याशी व बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के नामांकन के साथ शुरू हुआ हाई प्रोफाइल ड्रामा बुधवार को क्लामेक्स पर पहुंच गया। तेज बहादुर यादव ने सपा के सिंबल के साथ नामांकन करके पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जिस युद्ध का आगाज किया था वह अंजाम तक नहीं पहुच पाया। गहमागहमी व हंगामे के बीच घंटों चले मंथन के बाद तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त हो गया है। बीएसएफ के बर्खास्त जवान ने केन्द्र सरकार के दबाव में नामांकन निरस्त करने का आरोप लगाया है जबकि जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि नियमानुसार ही कार्रवाई की गयी है। निर्धारित समय तक प्रमाण पत्र नहीं देने के चलते ही पर्चा रद्द किया गया है।
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बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को एक पर्चा पहले ही खारिज हुआ था और सपा से भरे गये पर्चे की जांच में उन्हें नोटिस दी गयी थी। बुधवार को सुबह 11 बजे तक का समय देकर तेज बहादुर से जवाब मांगा गया था। इसको लेकर सुबह से ही कलेक्ट्रेट परिसर में गहमागहमी देखने को मिली। निर्धारित समय तक तेज बहादुर यादव ने अपना जवाब दाखिल कर दिया था। इसी बीच घटना में उस समय नया मोड आ गया। जब बीजेपी ने तेज बहादुर यादव के नामांकन को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। बीजेपी का आरोप था कि नामांकन के समय ही सारे दस्तावेज लगाने चाहिए था इसके बाद निर्धारित समय तक भी बीएसएफ के बर्खास्त जवान अपने दस्तावेज जमा नहीं कर पाये थे। इसी बात को लेकर बीजेपी व सपा समर्थकों में जमकर नोकझोक भी हुई थी। दोपहर एक बजे के बाद तेज बहादुर यादव के नामांकन निरस्त होने की बात सामने आ गयी थी लेकिन किसी ने इस पर अपनी मुहर नहीं लगायी थी। दोपहर में कलेक्ट्रेट परिसर में तेज बहादुर यादव के साथ जिला प्रशासन की मैराथन बैठक हुई। बैठक में दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष को रखा था और फिर जिला प्रशासन ने लिखित रुप से तेज बहादुर यादव को नामांकन निरस्त होने की जानकारी दी। सपा व बसपा समर्थकों को जब नामांकन निरस्त होने की जानकारी हुई तो उनके खेमे में निराशा छा गयी। कलेक्ट्रेट परिसर से बाहर निकले तेज बहादुर यादव ने मीडिया को बताया कि उन्हें जो प्रमाण पत्र देने को कहा गया था वह जमा कर दिये थे इसके बाद भी केन्द्र सरकार के दबाव मेे उनका नामंाकन निरस्त किया गया है वह अपने वकीलों के साथ आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि नियम के तहत की गयी कार्रवाई

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तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने खुल कीर अपना पक्ष रखा। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि नियमानुसार ही नामांकन निरस्त किया गया है। केन्द्र व राज्य सरकार का कर्मचारी बर्खास्त होता है और बर्खास्ती हुए पांच साल की अवधि नहीं बीती होती है तो उसे चुनाव लडऩे से पहले निर्वाचन आयोग से एक निश्चित फार्मेट में लिखवा कर लाना होता है कि वह क्यों बर्खास्त हुआ है भले ही भ्रष्टाचार या अन्य कारण हो। तेज बहादुर यादव को पर्याप्त समय दिया गया था लेकिन वह निर्धारित समय तक प्रमाण पत्र नहीं दे पाये थे इसलिए उनका नामांकन निरस्त किया गया है।
सपा व बसपा गठबंधन के तहत शालिनी यादव लड़ेंगी चुनाव
सपा व बसपा गठबंधन के तहत अब शालिनी यादव बनारस संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगी। शालिनी यादव ने पहले ही गठबंधन प्रत्याशी के रुप में नामांकन किया था। बनारस संसदीय सीट पर अब स्थिति साफ हो गयी है। पीएम नरेन्द्र मादी के खिलाफ कांग्रेस से अजय राय व गठबंधन से शालिनी यादव मैदान में रहेंगी।
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सपा ने कहा जारी रहेगी हमारी लड़ाई, पीएम मोदी ने दिखाया ६ इंच का सीना
सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय ने पत्रिका को बताया कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी। चुनाव आयोग के नामांकन निरस्त करने के आदेश से आलाकमान को अवगत कराया गया है आदेश पर विधिक राय लेकर आगे की कार्रवाई की जायेगी। मनोज राय ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के दबाव मे ही तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त किया गया है इससे साफ हो जाता है कि पीएम मोदी का 56 नहीं 6 इंच का सीना है। तेज बहादुर यादव अब पूर्वांचल में जाकर गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे।
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