इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब चार से पांच करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। योगी सरकार ने इसके लिये 82 लाख रुपये का शुरुआती बजट स्वीकार करते हुए प्रभागीय वन अधिकारी गोरखपुर से 10 दिनों में डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मांगी है। केंद्र की स्थापना वन्यजीव अनुसंधान संगठन और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) द्वारा संयुक्त रूप से की जायेगी। उत्तर प्रदेश सरकार विलुप्तप्राय गिद्धों के संरक्षण और उनकी आबादी बढ़ाने के लिए इस केंद्र की जल्द से जल्द स्थापना पर ज़ोर दे रही है।
प्रभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि भारी बैंसी में स्थापित होने वाला ‘जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र लुप्तप्राय गिद्धों को बचाने के लिए काम करेगा। इसका संचालन बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के द्वारा किया जाएगा। इसके लिये सारी ज़रूरी सुविधाएं इसमें मुहैया होंगी।
बताते चलें कि गिद्ध संरक्षण पर काम कर रहे बीएनएचएस के चीफ़ साइंटिस्ट डॉ. विभु प्रकाश ने 20 सितंबर 2019 को तब के मुख्य वन संरक्षक आर हेमंत कुमार व डीएफओ अविनाश कुमार के साथ भारी बैंसी गांव के पास जंगल की ज़मीन का निरीक्षण कर शासन को भेजी रिपोर्ट में उसे केंद्र स्थापना के लिये उपयुक्त बताया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुनील पांडेय ने कैंपा योजना के तहत धन की व्यवस्था के लिए वित्तपोषण का प्रस्ताव भेजा था।