थानाध्यक्ष व थाना प्रभारी बनने के लिए कुछ पुलिसकर्मी नेताओं से सिफारिश कराते थे या अधिकारियों को खुश करके तैनाती पा जाते थे इसके चलते वरिष्ठ पुलिसकर्मियों के साथ अन्याय भी हो जाता था जो पुलिसकर्मी अच्छा काम करते थे उन्हें तैनाती नहीं मिल पाती थी। मनमाने थाने में तैनाती पाने की जुगाड़ के चलते पुलिस विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। शासन के सचिव ओपी शर्मा ने तैनाती को लेकर स्थिति साफ कर दी है। सविच ओपी शर्मा के निर्देश में साफ कहा गया है कि दो तिहाई पुलिस थानों में निरीक्षक (इंस्पेक्टर रैंक) व एक तिहायी थानों में उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर रैंक) के पुलिसकर्मी तैनात होंगे। इसे निर्देश से सबसे बड़ा फायदा होगा कि शासन ने जिन थानों को एसआई व इंस्पेक्टर रैंक का माना है उस पर अन्य किसी को तैनात होने का मौका नहीं मिल पायेगा। बताते चले कि पहले सेटिंग के आधार पर एसआई को भी इंस्पेक्टर रैंक का थाना मिल जाता था जो अब नहीं हो पायेगा। निर्देश में साफ लिखा है कि पूर्व में ही दो तिहाई थानों को निरीक्षक स्तर के लिए चयनित किया गया है वहां पर उप निरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मियों की किसी भी हाल में तैनाती नहीं की जायेगी।
यह भी पढ़े:-अतीक से अधिक दबंग है यह बाहुबली, तीन बार हुई कुर्की, घोषित किया ईनाम, फिर भी साल भर से सुराग नहीं लगा पायी पुलिस इंस्पेक्टर को भी नहीं होगा डिमोशननेता या अधिकारी किसी पुलिस इंस्पेक्टर को परेशान करना चाहते थे तो उप निरीक्षक स्तर के थानों में उनकी तैनाती कर देते थे यह डिमोशन से कम नहीं होता था लेकिन नये निर्देश के अनुसार अब ऐसा नहीं हो पायेगा। उप निरीक्षक स्तर के थानों में योग्य व उत्कृष्ट
कार्य करने वालों को ही तैनात किया जायेगा। इन थानों में एसओ के रूप में इंस्पेक्टर की नियुक्ति नहीं हो पायेगी।
यह भी पढ़े:-बीजेपी के बाहुबली विधायक के खास को भेजा था जेल, ताबड़तोड़ क्राइम रोकने के लिए युवा आईपीएस को मिली नयी तैनाती एक थाने में समान रैंक के पुलिसकर्मी हैं तो वरिष्ठता का रखा जायेगा ध्यान किसी पुलिस थाने में समान रैंक के दो अधिकारी हैं तो वरिष्ठता के आधार पर उन्हें थाना प्रभारी बनाया जायेगा। ऐसा नहीं हो सकता है कि पुलिस थाने में दो इंस्पेक्टर हैं तो जूनियर को थाना प्रभारी बना दिया जाये और सीनियर उसके अधीन कार्य करें। शासन के निर्देश में साफ लिखा है कि एक ही थाने में समान रैंक होने पर वरिष्ठ को ही प्रभारी बनाया जाये। शासनादेश के चौथे बिन्दु में लिखा है कि यदि किसी उप निरीक्षक को थाना प्रभारी बनाया गया है तो निरीक्षक स्तर के अधिकारी को उसके अधीन नहीं किया जाये।
यह भी पढ़े:-सपा नेता प्रभु साहनी की गोली मार कर हत्या, मचा हड़कंप