ये देखकर बिटिया आकांक्षा पिता को चुप कराने लगी। पिता ने कहा बेटा मैं तुम्हे कभी पढ़ाई के लिए कुछ दे न सका। कोचिंग न लगवा सका पर तुमने मेरा दिल जीत लिया। पापा की बातों को सुनकर आकांक्षा के हौसले सातवें आसमान पर पहुंच गए। बेटी ने कहा पापा मुझे किसी की नहीं सिर्फ आपके आशीर्वाद की जरूरत है। आज टॅापर बनकर आपसे सामने आई हूं एक दिन जरूर आएगा जब मैं कलेक्टर बनकर आपके पैर छूने आऊंगी। ये सुनकर पिता के खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
आकांक्षा शुक्ला एसपी इंटर कॉलेज सिकारो, कोरावं प्रयागराज की छात्रा हैं, वह दिन में 10 घंटे की पढ़ाई करती थी उसे 500 में से 474 अंक मिले हैं। आकांक्षा बड़ी होकर आईएएस बनना चाहती है। आकांक्षा शुक्ला ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और अपने गुरुजनों को दिया है। फिजिक्स आकांक्षा का पसंदीदा विषय है और उसने कोई कोचिंग का सहारा नहीं लिया घर मे ही ज्यादा से ज्यादा समय देकर वो अकेले पढ़ाई करती रही। खेती किसानी करके घर परिवार का खर्च चलाने वाले अवधेश शुक्ला इस खुशी से गदगद हैं। यूपी में तीसरा स्थान हासिल कर प्रयागराज की आकांक्षा शुक्ला ने जिले का मान बढाया है। बेटी की सफलता पर पिता अवधेश कुमार शुक्ला बेहद खुश है और उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। 2018 में चार दशक से ज्यादा समय के बाद प्रयागराज की अंजलि ने यूपी में टॉप किया था, अंजलि के पिता भी किसान थे, अंजलि को 96.03 नंबर मिले थे, जबकि आकांक्षा को 94.80 फीसदी अंक मिले हैं।