वाराणसी. लोकसेवा आयोग की भर्तियो में अनियमितता का विरोध भी छात्रों और युवाओ के लिए संकट का कारण बनता जा रहा है। भर्तियों में हुई अनियमितता का विरोध करने वाले छात्रों और युवाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। प्रशासन की इस कार्रवाई ने युवाओं को और भी उत्तेजित कर दिया है।
ऐसे ही उत्तेजित युवाओं का समूह गुरुवार की सुबह पहुंच गया कलेक्ट्रेट। वहां डीएम के न मिलने पर उनके मातहत अफसरों से मिल कर पिछले दिनों हुई कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। मांग पत्र सौंपा। वहां से निकलकर वो पहुंचे एसएसपी दफ्तर और वहां भी लोकसेवा आयोग की भर्तियों में अनियमितता के विरुद्ध बनारस में निकाले गए मशाल जुलूस में शामिल लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग की।
छात्रों, युवाओं का कहना था कि लंबे अरसे से उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। अव्वल तो विभागों में पद रिक्त है। रिक्ट पदों को भरने के लिए पहले पद विज्ञापित नहीं होते। पद विज्ञापित होते हैं तो परीक्षा में विलंब, किसी तरह से परीक्षा हुई तो रिजल्ट में विलंब। साक्षात्कार में अनियमितता। रिजल्ट घोषित करने में अनियमितता। ऐसे में युवा न्यायालयो की शरण में जाने को विवश होते हैं।
उन्होंने कहा कि हर तरफ से हताश हो कर ही युवा सड़क पर उतरता है। ऐसा ही कुछ दो दिन पहले बनारस में हुआ जब युवाओं ने भारत माता मंदिर से मशाल जुलूस निकाला। जुलूस में खुफिया तंत्र भी था तो पुलिस भी थी। न मशाल जुलूस में किसी तरह की गड़बड़ी हुई। न उस वक्त पुलिस ने रोका-टोका। फिर अगले दिन एफआईआर दर्ज हो जाती है।
ऐेसे में युवाओं ने दर्ज एफआईआर वापस लेने और उत्तर प्रदेश में भर्तियो में धांधल की जांच न्यायालय के अधीन कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में बीएचयू के शोध छात्र व छात्र नेता विकास सिंह, नीरज राय, अनूप श्रमिक, संजीव सिंह, विनय शंकर राय आदि प्रमुख रहे।
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