यह प्रयोगशाला चार मंज़िली होगी और इसके हर तल पर वैदिक विज्ञान से जुड़े प्रयोगों और अध्ययन किए जाने की सुविधा होगी। यहां ग्रहों और नक्षत्रों का अध्ययन भी वैदिक विज्ञान की तर्ज़ पर होगा। प्रयोगशाला में अत्याधुनिक टेलीस्कोप स्थापित होगा, जिससे यहां तारों और पिंडों का अध्ययन भी किए जाने की सुविधा होगी। एमआरआई की सुविधा से युक्त वैदिक न्यूरोलैब होगा। प्रयोगशाला अपने आप में काफी अलग होगी। इसमें एक संग्रहालय बनेगा, इसमें वैदिक काल के मापन यंत्रों को अनुकृति देखने को मिलेगी।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के को ऑर्डिनेटर डॉक्टर उपेंद्र त्रिपाठी ने बताया है कि बीएचयू में बनने वाली वैदिक विज्ञान प्रयोगशाला का तारामंडल वैदिक ज्योतिष और बीजगणित के सिद्धांतों पर अधारित अध्ययन के लिये महत्वपूर्ण होगा। भारतीय संस्कृति और ज्ञान विज्ञान के प्रसार में सहायक होगा।