भखारियों की पहचान और काउंसलिंग का फेज समाप्त जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि मेरे दिए गए निर्देश के क्रम में सामाजिक संस्था अपना घर आश्रम और अन्य टीम का भिखारियों की पहचान और काउंसिलिंग का फेज समाप्त हो चुका है। उन्होंने बताया कि अब जितने भी भिखारी हमें दिखाई देंगे उन्हें हम शेल्टर होम में रखेंगे। वहां एक्सपर्ट उनकी काउंसिलिंग करेंगे। इसके बाद उनकी जरूरतों को देखते हुए उनका रिहैबिलिटेशन किया जाएगा।
भिखारियों को रोजगार से जोड़ेंगे उन्होंने बताया कि यहां लाये गए भिखारियों की क्षमता के अनुसार उनका स्किल भी डेवलेप किया जाएगा, ताकि वो दोबारा काशी के घाटों और गलियों चौराहों पर भीख मांगते न दिखाई दें। डीएम ने समीक्षा बैठक में बताया कि इन सभी को रोजगार से जोड़ा जाएगा।
सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ सभी चिह्नित और आगे चिह्नित होने वाले भिखारियों के सम्बन्ध में डीएम ने कहा कि सिर्फ इनका स्किल डेवलोपमेन्ट ही नहीं बल्कि इन्हे केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा। उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, वृद्धापेंशन, एवं महिला कल्याण, दिव्यांगजन पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वाराणसी में भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को रेस्क्यू, संरक्षण एवं पुर्नवास का कार्य कर काशी को बेगर मुक्त बनाना है।
न करें क्रिमिनल जैसा व्यहवहार डीएम ने इस समीक्षा बैठक में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को कहा कि यदि इनके द्वारा कोई समस्या उत्पन्न की जाती है और पुलिस चौकी या थाने पर कम्प्लेन आती है तो इनसे क्रिमिनल की तरह व्यहवहार न किया जाए। मानवीय पहलुओं पर ध्यान देते हुए इनका बैकग्राउंडर पता करें कि आखिर ये किन परिस्थितियों में भीख मांग रहे हैं। उसके बाद कार्रवाई करें।
डूडा के तहत मिलेगा आवास जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि कई भिखारी ऐसे चिह्नित हुए हैं और उन्हें पकड़ के अपना घर आश्रम लाया गया है, जिनके पास अपने आवास नहीं हैं। उन्हें डूडा की तरफ से कांशीराम आवास योजना के तहत आवास दिलाया जाएगा। इसके अलावा जब तक वह कोई काम नहीं करता रोटी बैंक की तरफ से उसके भोजन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने सम्बंधित संस्थाओं को निर्देश देते हुए यह भी कहा कि यह ध्यान रखा जाये कि इसका जनमानस में गलत संदेश न जाये।