यूपी सरकार ने वर्ष 2006 से बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली की सुविधा दी हुई थी। जिस में बुनकरों को एक पावरलूम मशीन के लिए पहले 71.50 रुपए देने होते थे। बाद में इसे बढ़ाकर 15 सौ रुपए तक कर दिया। अब योगी सरकार ने बुनकरों को मिलने वाली इस सुविधा को खत्म कर दिया है। और बिजली विभाग मीटर की रीडिंग से बिल देने लगे हैं।
मांगें नहीं मानीं तो कनेक्शन परमानेंट डिस्कनेक्ट होंगे :- उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के महामंत्री हाजी रहमतुल्ला अंसारी ने बताया कि वर्ष 2006 से बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली मिल रही थी लेकिन योगी सरकार ने इसे बन्द कर दिया। हमारी मांग है कि बुनकरों को पुरानी व्यवस्था के तहत फ्लैट रेट पर बिजली मुहैया कराई जाए। आज से हम लोग 15 दिनों तक पावरलूम और हथकरघे को बंद कर जगह-जगह प्रदर्शन करेंगे। यदि सरकार ने इन 15 दिनों में हमारी मांगें नहीं मानीं तो हम बुनकर अपने कारखाने के बिजली कनेक्शन को परमानेंट डिस्कनेक्ट कराएंगे।
इस कारोबार को छोड़ने को हो जाएंगे विवश :- बुनकरों का मानना है कि मौजूदा योगी सरकार ने अगर दोबारा फ्लैट रेट को लागू नहीं किया तो हम सभी मजबूरन इस कारोबार को छोड़ने के लिए विवश हो जाएंगे। यूपी में बुनकरों की संख्या करोड़ों में है, जबकि वाराणसी में 5 लाख बुनकरों के अलावा इस व्यवसाय से अन्य कारोबारी और मजदूर भी जुड़े हैं। इसका बनारस की पूरी अर्थव्यवस्था पर असर आएगा।
150 करोड़ के फायदे के लिए एक हजार करोड़ का नुकसान :- बुनकर नेता हाजी ओकास अंसारी ने बताया कि फ्लैट रेट पर बिजली 1 जनवरी 2020 से खत्म कर दी गई है। बुनकरी के काम से हिंदू और मुसलमान दोनों ही जुड़े हैं। इस सरकार का फैसला समझ के परे इसलिए है कि जो बुनकर कारोबार एक हजार करोड़ की सब्सिडी देता है, उससे 150 करोड़ के फायदे के लिए सरकार एक हजार करोड़ का नुकसान कर रही है।