सूचना मिली थी एसटीएफ और वन विभाग हुआ तैयार :- एसटीएफ की वाराणसी इकाई के डिप्टी एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि, नई दिल्ली स्थित वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो से सूचना मिली थी कि पशु तस्करों का गिरोह वाराणसी और आसपास के जिलों में सक्रिय है। मिर्जापुर के जंगलों से आदिवासियों के सहयोग से कुछ लोग लकड़बग्घा की हडि्डयां लेकर वाराणसी स्थित कैंट रोडवेज के पीछे मौजूद हैं।
टीम थी अलर्ट :- सूचना मिलने के बाद अलर्ट इंस्पेक्टर पुनीत परिहार, इंस्पेक्टर राघवेन्द्र मिश्रा और इंस्पेक्टर अरविन्द सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम और वन विभाग की टीम ने छापा मार कर 5 लोगों को लकड़बग्घे की हडि्डयों के साथ पकड़ा।
तेंदुआ की जगह बेच रहे थे लकड़बग्घे हडि्डयां :- एसटीएफ की पूछताछ में पांचों तस्करों ने बताया कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में दुर्लभ जीव तेंदुआ की हड्डियों की तस्करी भारी पैमाने पर होती है। विदेशों में तेंदुआ की हड्डियों का उपयोग शक्तिवर्धक दवाएं बनाने में किया जाता है। इस वजह से तेंदुआ की हड्डियां अवैध रूप से काफी महंगे दाम में बेची जाती हैं। बरामद हुई हडि्डयां लकड़बग्घे की हैं। इन्हें मिर्जापुर के जंगलों से एकत्र किया गया था। इन्हें तेंदुआ की हड्डी बताकर बेचने के लिए वाराणसी लाया गया था।
एसटीएफ खंगाल रही है कॉल डिटेल :- पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, लकड़बग्घा और तेंदुआ की हड्डी काफी मिलती-जुलती है, इसलिए बड़े-बड़े तस्कर भी धोखा खा जाते हैं। हडि्डयां लेने के लिए पश्चिम बंगाल से लोग आने वाले थे। इन तस्करों के पास से बरामद 5 मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल कर एसटीएफ उनके नेटवर्क के अन्य लोगों तक पहुंचने के प्रयास में लगी हुई है।
गिरफ्तार आरोपी :- गिरफ्तार आरोपियों की शिनाख्त सारनाथ क्षेत्र की अनमोल नगर कॉलोनी के आनंद कुमार सिंह, हुकुलगंज पांडेयपुर के अरविंद मौर्या, मिर्जापुर के चील्ह थाना अंतर्गत ठिकसारी के सुदामा, बल्लीपरवा के सिपाही और कुरैश नगर के महमूद के तौर पर हुई है।
लकड़बग्घा संकटग्रस्त जीव की श्रेणी में :- एसटीएफ के डिप्टी एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि, लकड़बग्घा को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-3 के अंतर्गत संरक्षित जीव की श्रेणी में रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने लकड़बग्घा को संकटग्रस्त जीव की श्रेणी में रखा है। इसका शिकार एवं इसके अंगों का व्यापार प्रतिबंधित है।