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वाराणसी

जन्मस्थली वाराणसी में मनाई गई वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 159वीं पुण्यतिथि

बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम वीरांगना एक्सप्रेस करने की मांग

वाराणसीJun 18, 2019 / 05:07 pm

Ajay Chaturvedi

159th death anniversary of Maharana Laxmibai

159th death anniversary of Maharana Laxmibai

वाराणसी. बुंदेले हरबोलो से हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी व काशी की बेटी थी। स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अंग्रेजों के दात खट्टे करने वाली वीरांगना लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि भदैनी स्थित उनकी जन्मस्थली पर मंगलवार को मनाई गई। जागृति फाउंडेशन एवं वीरांगना महरानी लक्ष्मीबाई जन्म स्थान स्मारक समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह का उद्घाटनसंकट मोचन मंदिर के महंत एवं आईआईटी, बीएचयू के प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र, विशिष्ट अतिथि रामेश्वर मठ के प्रबंधक पं. वरूणेश चन्द्र दीक्षित एवं साहित्यकार डॉ. जय प्रकाश मिश्र ने संयुक्त रूप से वीरांगना के मूर्ति पर माल्यार्पण करके किया।
इसके पश्चात स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय के वटुकों ने महारानी के स्मृति मे वेद पाठ कर उनको अपनी स्वरांजलि अर्पित की। इस अवसर पर संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्र ने कहा कि वीरांगनी लक्ष्मीबाई ही वीरांगना थीं जिन्होंने ने 1857 की लड़ाई अपने शौर्य व पराक्रम से लड़ कर वीरता की ऐसी मिशाल पेश की कि उसके बाद से अंग्रेजों के पांव भारत से उखड़ने लगे।
उन्होनें अपने जिंदा रहते अपनी रियासत में अंग्रेजों को प्रवेश नहीं करने दिया। ऐसी महान विभूति का जन्म काशी के भदैनी मुहल्ले में हुआ है। यह हमलोगों का सौभाग्य है की हम उनकी जन्मस्थली को नमन कर रहे है। उन्होनें जिला प्रशासन से अनुरोध किया की ऐसी वीरांगना की जयंती व पुण्यतिथि के साथ-साथ, 15 अगस्त व 26 जनवरी को भी उनकी स्मृति में आयोजन करें।
159th death anniversary of Maharana Laxmibai
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वरूणेश चन्द्र दीक्षित व साहित्यकार डॉ. जय प्रकाश मिश्र ने वीरांगना को श्रद्वांजली देते हुए कहा कि काशी की बेटी ने पूरे विश्व में काशी व देश का नान किया जो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने वराणसी के सांसद व देश के पीएम मोदी से रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली वाराणसी से चलकर उनके शहीद स्थल ग्वालियर जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन का नाम बदलकर वीरांगना एक्सप्रेस करने की मांग की। इस अवसर पर आशाराम बापू, प्रभुनाथ त्रिपाठी, विश्वनाथ यादव उर्फ छेदी, कृष्णमोहन पांडेय, विनय कुमार मिश्र, नरेंद्र त्रिपाठी, हरिनाथ गोड़, सोनू सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
इससे पूर्व वीरांगना की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर सोमवार की शाम को उनकी जन्मस्थली पर दीपदान कर श्रद्वांजली दी गई। जागृति फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित समारोह का शुभारंभ रामेश्वर मठ के प्रबंधक वरूणेश चंद्र दीक्षित व साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र ने दीप प्रज्जवलन करके किया। इसके पश्चात स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय के वेदपाठी वटुकों ने वेद मंत्रो के साथ दीपदान कर रानीलक्ष्मी बाई को श्रद्वांजली दी। दीपदान में ग्यारह सौ दिया जलाकर वीरांगना को श्रद्वांजली दी गई। इस मौके पर विनय कुमार मिश्र, हरिनाथ गौड़, राणा जय सिंह सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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