scriptपिता बेचते हैं सब्जी, बेटे ने अंतर्राष्ट्रीय बाक्सिंग टूर्नामेंट में जीता खिताब | Varanasi Vishal Gupta wins Gold in International Boxing tournament | Patrika News
वाराणसी

पिता बेचते हैं सब्जी, बेटे ने अंतर्राष्ट्रीय बाक्सिंग टूर्नामेंट में जीता खिताब

-बदहाली के दौर से गुजरने के बावजूद विशाल ने अपने हौसले को पस्त नहीं होने दिया और अब हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है-काशी के बाक्सर के पिता बेचते है सब्‍जी, बेटे ने बुल्‍गारिया मे जीता गोल्‍ड मेडल-पिता ने सब्जी बेचकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी-बुल्गारिया से स्‍वर्ण पदक जीत कर घर लौटे सब्जी विक्रेता के बेटे का हुआ जोरदार स्वागत-गले में गोल्ड मेडल डालकर घर पहुंचे तो परिवार खुशी से झूम उठा -गांव वालों ने भी इस बेटे का शानदार स्वागत किया- विशाल की शानदार कामयाबी के लिए उसे सम्मानित करने और नगद पुरस्कार, सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई-घर लौटने पर गले में मेडल देखकर पिता ने बेटे का माथा चूम लिया मां की आंखों में आंसू बह निकले दोनो भाई खुशी से झूम उठे

वाराणसीApr 14, 2019 / 04:45 pm

Ajay Chaturvedi

पिता के साथ गोल्डमेडलिस्ट विशाल

पिता के साथ गोल्डमेडलिस्ट विशाल

वाराणसी. बनारस के लाल विशाल गुप्ता ने इतिहास रच न केवल बनारस बल्कि देश का गौरव बढाया है। बुल्गारिया में आयोजित चौथे अंतर्राष्ट्रीय यूथ एंड बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक विजेता मोहनसराय क्षेत्र के कनेरी गांव निवासी बॉक्सिंग खिलाड़ी विशाल गुप्ता के वाराणसी पहुंचने पर ग्रामीणों सामाजिक संगठनों ने उनका जोर दार स्वागत किया।
विशाल ने कजाकिस्‍तान के रोमन डेयर को हराकर जीता स्‍वर्ण पदक
पहली बार अंतर्राष्‍ट्रीय टूर्नामेंट में उतरे विशाल गुप्ता ने 02 अप्रैल को मेजबान देश के स्‍टोव जार्जी को 5-0 से हराकर हरा कर अपना रजत पक्का कर लिया था। इसके बाद बीते शुक्रवार को हुए फाइनल में विशाल ने कजाकिस्तान के रोमन डेयर को हराकर स्‍वर्ण पदक जीत लिया। विशाल ने 2015 से 2018 तक सिगरा स्‍टेडियम में दिलीप सिंह से मुक्‍केबाजी की कोचिंग ली थी।

विशाल के माता पिता और भाइयों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी बावजूद इसके चार वर्ष पहले विशाल ने पढ़ाई के साथ बॉक्सिंग को चुना। सिगरा स्टेडियम में विशाल को पूरी सुविधाएं मिली और उसका खेल निखरा। देश भर में कई मुकाबला जीतने के बाद पहली बार उसका चयन बुल्गारिया इंटरनेशनल यूथ बॉक्सिंग कंपटीशन में जाने वाली टीम में हुआ।
ज़िद से जीता जहां…
शोहरत और कामयाबी कभी भी आसानी से हासिल नहीं होती यकीनन इसके लिए ना सिर्फ कड़ी मेहनत करनी पड़ती है बल्कि गरीबी असुविधा जैसे तमाम विपरीत हालातों से लड़ते हुए खुद का मनोबल ऊंचा रखना पड़ता है ऐसी कहानी है बाक्सर विशाल गुप्ता की।
डॉयट के लिए नहीं थे पैसे

हालात कुछ ऐसे थे कि जरूरी डाइट तक के लाले पड़ जाते थे. यकीनन अपने ख्वाब बेटे विशाल की जीत बन गया और उन्होंने अपना एकमात्र लक्ष्य देश के लिए मेडल जीतना बना लिया।
पिता ने साइकिल से चलने का लिया फैसला

गरीबी अभी भी अड़चन पैदा कर रही थी और पिता के पास अपने बाक्सर बेटे को स्टेडियम प्रैक्टिस करने जाने के लिए पैसे नहीं होते थे। बेटे की रुचि देखकर बस के बजाय साइकिल से चलने का फैसला किया ताकि बेटे की लाइफ को बेहतर किया जा सके इस बदहाली के दौर से गुजरने के बावजूद विशाल ने अपने हौसले को पस्त नहीं होने दिया।
मां ने भी सहे कष्ट

सिगरा स्टेडियम में बॉक्सिंग का ककहरा सीखने वाले विशाल के लिए उनकी मां मालती देवी ने चूल्हे की कालिख सहकर शुद्ध दूध भिजवाया है। हालांकि अब इस परिवार के दिन होनहार पुत्र के कारण बहुर जाएंगे श्यामधर के तीन ही बेटे हैं। आकाश गुप्ता, सुनील गुप्ता सबसे छोटे विशाल के बड़े भाई, सुनील आकाश उनके साथ सब्जी के व्यापार में हाथ बटाता है.
पिता चलाते है सब्जी की दुकान
विशाल के पिताजी श्यामधर गुप्ता मोहन सराय चौराहे पर सब्जी की दुकान चलाते है। विशाल ने अपनी इस जीत का श्रेय अपने माता पिता को दिया। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता के पीछे उनके माता पिता का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने उनकी सफलता के लिए बहुत बड़ा त्याग किया है। साथ ही विशाल ने अपनी जीत का श्रेय अपने कोच दिलीप सिंह को भी दिया।
04 कमरों के मकान में बिना किसी सरकारी सुविधाओं से यह परिवार गरीबी से जद्दोजहद करके बेटे विशाल की प्रतिभा निखारने के लिए हर तरह से मदद सहयोग देने के लिए खड़ा था।

विशाल के स्वागत पर नहीं पहुंचा कोई प्रशासनिक अधिकारी व नेता
बुल्गारिया में गोल्ड मेडल जीतकर विशाल जब अपने पैतृक आवास मोहनसराय स्थित गांव कनेरी में पहुंचा। तो उसके स्वागत के लिए कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा स्थानीय ग्रामीणों और खेल प्रेमियों ने विशाल का स्वागत किया।
सामाजिक संगठनों ने बधाई दी और घर जाकर स्वागत किया
रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विशाल के आवास पर जाकर उनकी कामयाबी उपलब्धियों पर बधाई देकर हौसला अफजाई करके स्वागत किया।
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने मांग की है कि विशाल के परिवार को राशन कार्ड सरकारी आवास शौचालय सहित विशाल को सरकारी नौकरी और नगद सहायता दी जाए।

स्वागत करने वालों में विजय बहादुर, आलोक चौबे, शिव कुमार गुप्ता, श्याम पांडे, संदीप, आकाश, सुनील, ओम प्रकाश आदि लोग रहे।
UP News जहाँ लिखा है वहां https://www.patrika.com/uttar-pradesh-news/ लिंक लगाए
Facebook जहाँ लिखा है वहां https://www.facebook.com/patrikauttarpradesh/ लिंक लगाए
Twitter जहाँ लिखा है वहां https://twitter.com/PatrikaUP लिंक लगाए
UP Lok sabha election Result 2019 के ऊपर https://www.patrika.com/tags/loksabha-election-result-2019/ लिंक लगाए
patrika Hindi News App पर https://play.google.com/store/apps/details?id=com.vserv.rajasthanpatrika
गोल्ड मेडलिस्ट विशाल गु्ता

Home / Varanasi / पिता बेचते हैं सब्जी, बेटे ने अंतर्राष्ट्रीय बाक्सिंग टूर्नामेंट में जीता खिताब

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो