पहली बार अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में उतरे विशाल गुप्ता ने 02 अप्रैल को मेजबान देश के स्टोव जार्जी को 5-0 से हराकर हरा कर अपना रजत पक्का कर लिया था। इसके बाद बीते शुक्रवार को हुए फाइनल में विशाल ने कजाकिस्तान के रोमन डेयर को हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया। विशाल ने 2015 से 2018 तक सिगरा स्टेडियम में दिलीप सिंह से मुक्केबाजी की कोचिंग ली थी।
विशाल के माता पिता और भाइयों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी बावजूद इसके चार वर्ष पहले विशाल ने पढ़ाई के साथ बॉक्सिंग को चुना। सिगरा स्टेडियम में विशाल को पूरी सुविधाएं मिली और उसका खेल निखरा। देश भर में कई मुकाबला जीतने के बाद पहली बार उसका चयन बुल्गारिया इंटरनेशनल यूथ बॉक्सिंग कंपटीशन में जाने वाली टीम में हुआ।
शोहरत और कामयाबी कभी भी आसानी से हासिल नहीं होती यकीनन इसके लिए ना सिर्फ कड़ी मेहनत करनी पड़ती है बल्कि गरीबी असुविधा जैसे तमाम विपरीत हालातों से लड़ते हुए खुद का मनोबल ऊंचा रखना पड़ता है ऐसी कहानी है बाक्सर विशाल गुप्ता की।
विशाल के पिताजी श्यामधर गुप्ता मोहन सराय चौराहे पर सब्जी की दुकान चलाते है। विशाल ने अपनी इस जीत का श्रेय अपने माता पिता को दिया। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता के पीछे उनके माता पिता का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने उनकी सफलता के लिए बहुत बड़ा त्याग किया है। साथ ही विशाल ने अपनी जीत का श्रेय अपने कोच दिलीप सिंह को भी दिया।
बुल्गारिया में गोल्ड मेडल जीतकर विशाल जब अपने पैतृक आवास मोहनसराय स्थित गांव कनेरी में पहुंचा। तो उसके स्वागत के लिए कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा स्थानीय ग्रामीणों और खेल प्रेमियों ने विशाल का स्वागत किया।
रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विशाल के आवास पर जाकर उनकी कामयाबी उपलब्धियों पर बधाई देकर हौसला अफजाई करके स्वागत किया।
Facebook जहाँ लिखा है वहां https://www.facebook.com/patrikauttarpradesh/ लिंक लगाए
Twitter जहाँ लिखा है वहां https://twitter.com/PatrikaUP लिंक लगाए
UP Lok sabha election Result 2019 के ऊपर https://www.patrika.com/tags/loksabha-election-result-2019/ लिंक लगाए
patrika Hindi News App पर https://play.google.com/store/apps/details?id=com.vserv.rajasthanpatrika