Fact Check- प्रियंका गांधी ने बनारस में जिस नाव पर की गंगा यात्रा, उस नाव को BJP कार्यकर्ताओं ने जलाया!
-20 मार्च को बनारस आई थीं कांग्रेस महासचिव- 20 मार्च को था होलिका दिवस-आरोप है कि होलिका की रात ही जलाई गई नाव- गंगा पार रेत में खड़ी की गई थी नाव-होलिका की तीसरी रात दो नाव तोड़ने का आरोप
डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदीवाराणसी. पिछले तीन दिनों से सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि अपनी चुनावी गंगा यात्रा के दौरान प्रियंका गांधी ने बनारस में जिस नाव की सवारी की थी उसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने जला दिया। जलाई गई नाव मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के अध्यक्ष विनोद निषाद ‘गुरु’ की बताई जा रही है। इतना ही नहीं शुक्रवार और शनिवार की रात दो नावों को तोड कर उनकी कीमती लकड़ी चोरी करने का भी दावा कर इसे उसी घटना के क्रम में जोड़ा जा रही है। पत्रिका ने सोशल मीडिया पर वायरल इस खबर की हकीकत जानने की कोशिश की। इस कड़ी में मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के पदाधिकारियों से बात की गई। जानिये क्या है सच्चाई।
कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी 18 मार्च को प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा यात्रा पर थीं। यात्रा के अंतिम पड़ाव पर वह 20 मार्च को बनारस आई थीं। बनारस में रामनगर से वह नाव से अस्सी घाट आई थीं। यहां उन्हें मल्लाह समाज के लोगों से मिलने का कार्यक्रम तय था। वह मिली भीं। मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के पदाधिकारियों ने प्रियंका गांधी से बात की और उन्हें पत्रक भी सौंपा। उसी रात गंगा पार एक नाव जला दी गई। उसके बाद सोशल मीडिया पर एक जली हुई नाव की फोटो डालकर ये दावा किया जाना लगा कि इसे बीजेपी कार्य़कर्ताओं ने जला दिया है।
उन्होंने बताया कि एक नाव चार लाख में तैयार होती है, 60-70 हजार रुपये की तो लकड़ी ही लगती है। ऐसे में अगर इस तरह की हरकत होगी तो हम जैसे लोग जो पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहे हैं, हमारी कमर पहले ही टूट चुकी है। कैसे जीवन यापन करेंगे। कहा कि मेरे भाई विनोद को 11 महीने से नाहक ही जेल में बंद कर रखा गया है।
क्यों प्रियंका गांधी से मिले से निषाद राज सेवा समिति के लोग यहां यह भी बता दें कि मां गंगा निषाद राज सेवा समिति ने 27 दिसंबर 2018 से 05 जनवरी 2019 तक आंदोलन चलाया था। वो जल परिवहन, गंगा में क्रूज चलाए जाने, नाविकों के लाइसेंस का नवीनीकरण न होने का विरोध कर रहे थे। यहां तक कि न्यू ईयर पर भी ये हड़ताल पर रहे। उस दौरान भी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उनके आंदोलन को समर्थन दिया था। धरना स्थल पर गए थे। फिर पांच जनवरी को दबाव में अचानक आंदोलन स्थगित कर दिया गया। नाविक समाज के लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी पत्र लिखा था।
हड़ताल के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बनारस आईं और नाविक समाज के साथ बैठक की कोशिश की। लेकिन नाविकों ने उनकी बैठक का बहिष्कार कर दिया। उसके बाद जब प्रियंका गांधी ने नौका यात्रा शुरू की तो नाविकों ने प्रियंका गांधी से संपर्क साधा और 20 मार्च को अस्सी घाट पर मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के पदाधिकारियों ने प्रियंका से मिल कर अपनी बात रखी, साथ ही उन्हें पत्रक सौंपा था।
Home / Varanasi / Fact Check- प्रियंका गांधी ने बनारस में जिस नाव पर की गंगा यात्रा, उस नाव को BJP कार्यकर्ताओं ने जलाया!