यूपी के उन्नाव, कश्मीर के कठुआ, बिहार के सासाराम, सूरत सहित देश भर में महिला यौन हिंसा का जो माहौल बन रहा है। ऊपर से जिस तरह से सत्तारूढ़ दल रेप आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहा है। उन्हें सरकारी संरक्षण दिया जा रहा है। उससे राजनीतिक दल तो दूर आम आदमी तक उद्वेलित है। हर तरफ केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा दिख रहा है। इसी कड़ी में जब मंगलवार को महिला कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता सड़क पर उतरीं तो आम महिलाओं ने भी उनका समर्थन किया। महिला कांग्रेस नेताओं का कहना था कि 2012 के निर्भया कांड के बाद तत्कालीन सरकार ने जो सख्त कानून बनाए थे बेटियों, बहनों की आबरू की हिफ़जत के लिए उनका पालन भर कर लिया जाए तो समाज में एक बड़ा संदेश जाए, लेकिन बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार ही जब रेप आरोपियों को संरक्षण देने पर उतारू हो जाएगी तो कानून करेगा क्या। वो तो देश की न्यायिक व्यवस्था इतनी ठोस है कि सरकार को झुकना पड़ रहा है अन्यथा सरकार तो अपने लोगों को पूरी छूट दे रखी है। ऐसे में क्या किसी बेटी को बचाएगा और क्या पढाएगा।
प्रदर्शन में रामनगर पालिका परिषद अध्यक्ष रेखा शर्मा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य व पार्टी की मेयर प्रत्याशी शालिनी यादव, रितु पांडेय, पूनम कुंडू, शिखा मौर्या, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा, पूर्व मंत्री अजय राय, महानगर अध्यक्ष सीताराम केसरी, जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, अरुण मिश्रा, साजिद अली, रमजान अली, अनीसुर्रहमान, संजय सिंह सहित दर्जनों मुस्लिम महिलाएं व पार्षद भी शामिल रहीं।