scriptगुफा में 18 सौ और मंदिर में 11 सौ साल से विराजी हैं जगदम्बा | 18 hundred in the cave and temple 11 hundred years for Jagadamba | Patrika News

गुफा में 18 सौ और मंदिर में 11 सौ साल से विराजी हैं जगदम्बा

locationविदिशाPublished: Oct 13, 2018 11:46:20 pm

Submitted by:

Krishna singh

नवरात्र स्पेशल : जिला संग्रहालय में मौजूद है वराही माता की प्रतिमा

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Navaratri

गोविन्द सक्सेना. विदिशा. नवरात्र में चौतरफा दुर्गोत्सव की धूम है। जगह-जगह मातारानी के पंडाल लगे हैं और शक्ति की उपासना चल रही है। लेकिन जिले में देवी दुर्गा की 1800 वर्ष प्राचीन प्रतिमा के दर्शन होते हैं। यह प्रतिमा उदयगिरी की गुफाओं में मौजूद है, जबकि उदयपुर के नीलकंठेश्वर मंदिर की दीवार पर भी 1100 वर्ष से महिषासुर मर्दिनी अपने दुष्टदलन रूप में विराजमान हैं। इतना ही नहीं सप्तमातृका के साथ विदिशा जिले में वराह के नारी रूप यानी वराही की पूजा का प्रचलन है, इसकी गवाह जिला संग्रहालय में मौजूद वराही माता की प्रतिमा है।
चौथी शताब्दी की महिषासुरमर्दिनी
उदयगिरी पहाड़ी की प्रसिद्ध वराह गुफा के पास महिषासुर मर्दिनी की भव्य प्रतिमा मौजूद है। इन गुफाओं का निर्माण चंद्रगुप्त द्वितीय के समय चौथी शताब्दी में हुआ था। यह प्रतिमा देवी के अनूठे रूप और उनके रौद्र रूप को दर्शा रही है। देवी के दस हाथ हैं, इनमें से एक हाथ से वे महिषासुर के पिछले पैरों को उठाकर दूसरे हाथ से उसका संहार कर रही हैं। जबकि उनका एक पैर महिषासुर के सिर को दबाए है। अलग-अलग हाथों में देवी के विभिन्न आयुध हैं।
उदयपुर शिव मंदिर की जगदम्बा
उदयपुर में दसवीं-ग्यारहवीं शताब्दी के परमारकालीन भव्य नीलकंठेश्वर मंदिर के द्वार पर भी अनेक दुर्गा प्रतिमाएं मौजूद हैं, जो अलग-अलग रूपों में हैं। इनमें से एक प्रतिमा अत्यंत भव्य रूप में दिखाईदेती है। इसमें भी देवी महिषासुर का नाश करते नजर आती हैं। देवी के सिर पर अलंकृत मुकुट है और वे अपना एक पैर महिषासुर की पीठ पर इस तरह रखे हैं, कि महिषासुर अपना सिर जमीन में टिकाने पर विवश है। उनके हाथों में विविध आयुध हैं।
वराही माता की भी होती है पूजा
जिले में सप्तमातृका की पूजा भी होती थी, जिसका प्रमाण अलग-अलग स्थानों से प्राप्त सप्तमातृका की प्रतिमाएं हैं। इसमें देवताओं की शक्तियां प्रतिमा रूप में दिखाई देती हैं। जिला संग्रहालय में 10 वीं शताब्दी की ऐसी ही प्रतिमा मौजूद है, जिसमें सबसे आकर्षक प्रतिमा वराही की है। वराही यानी भगवान विष्णु के वराह अवतार का नारी रूप। प्रतिमा में देवी का सिर वराह का है, जबकि बाकी शरीर नारी रूप में है। गंजबासौदा के मातापुरा में वराही माता का मंदिर भी है।
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