इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाएं 5 हजार में दम नहीं, 18 हजार से कम नहीं, फूल नहीं चिंगारी हैं-हम भारी की नारी हैं सहित अन्य नारे बड़े ही जोश के साथ दिनभर नारे लगाती रहीं। कार्यकर्ता-सहायिकाओं के प्रदर्शन को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया।
प्रदर्शन स्थल पर सुबह साढ़े नौ बजे से ही महिलाएं पहुंचने लगीं थीं। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती जा रही थी। दोपहर करीब एक बजे तक प्रदर्शनकारी महिलाओं की संख्या पहले दिन की तुलना में काफी अधिक हो गई थी। जिसके चलते बंगले के बगल वाले मार्ग को पूरी तरह बंद कर पुलिस ने दोनों तरफ बैरीकेट्स लगा दिए थे और सड़क पर नीचे ही महिलाएं बैठी रहीं। शाम पांच बजे तक धरना जारी रहा। इस दौरान वक्ताओं द्वारा मागों का निराकरण नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही। इस दौरान सरकार को भी आड़े हाथ लिया गया। प्रदर्शन स्थल पर व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए पुलिस मौजूद रही।
कांग्रेस ने किया समर्थन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं के प्रदर्शन के समर्थन में मंगलवार को कांग्रेस भी सामने आई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशांक भार्गव का कहना कि कार्यकर्ता-सहायिकाओं की मांगे जायज हैं। इन्हें जितना मानदेय दिया जाता है उससे परिवार चलाना बहुत मुश्किल है। इस दौरान पूर्व जनपद अध्यक्ष रंधीरसिंह ठाकुर, महेंद्र यादव, मोहरसिंह, दीपक वाजपेयी, शिक्षक संघ के विनय सक्सेना, ओमप्रकाश चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
केंद्र के बाहर किया टीकाकरण संगठन की जिलाध्यक्ष मिथलेश श्रीवास्तव ने बताया कि छोटे बच्चों को लगने वाले टीका समय पर लगें और उन पर हड़ताल का असर नहीं पड़े इसलिए मंगलवार को जिन-जिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण होना था, वहां सहायिकाओं ने आंगनबाड़ी के बाहर ही एएनएम के साथ बैठकर बच्चों का टीकाकरण करवाया। वहीं आंगनबाड़ी से होने वाले अन्य कार्य दो दिन से लगातार ठप पड़े हुए हैं।