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जलविहार के लिए घाट पर नहीं हैं व्यवस्थाएं

शहर की सबसे बड़ी आस्था का केन्द्र होने के बाद भी नगर पालिका ने गंभीरता से नहीं लिया और अभी तक वहां पर व्यवस्थाएं नहीं हो सकी हैं।

विदिशाSep 19, 2018 / 12:28 pm

वीरेंद्र शिल्पी

rajasthan news

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विदिशा/गंजबासौदा. डोल ग्यारस के मौके पर शीतला माता मंदिर के पास पारासरी घाट पर डोलों का जलविहार होता है लेकिन घाट पर पर्याप्त व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हैं। पिछले काफी लंबे समय से घाट पर व्यवस्थाओं की मांग की जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी घाट पर व्यवस्थाएं नहीं हो सकीं हैं। नपाध्यक्ष मधुलिका अग्रवाल ने घाट पर व्यवस्थाओं की बात कही थी। लेकिन अभी तक व्यवस्थाएं वहां पर नहीं हो सकी हैंं। साथ ही पूर्व में घाट पर सौंदर्यकरण को लेकर नगर पालिका ने ठेकेदार को वर्कआर्डर भी जारी किया था। लेकिन वर्कआर्डर के बावजूद भी घाट पर काम नहीं हो सका है।

घाट पर काम न होने का कारण क्या है। इसकी जानकारी भी नगर पालिका के द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। वार्ड क्रमांक 24 के पार्षद प्रकाश जैन पिछले काफी लंबे समय से घाट पर सौंदर्यकरण की मांग करते चले आ रहे हैं लेकिन अभी तक नहीं हो सका है। जबकि यह घाट शहर की आस्था का प्रतीक है। कई सारे आयोजन इस घाट पर होते हैं।

 

भुजरिया विसर्जन कार्यक्रम भी पारासरी घाट पर ही होता है साथ ही ज्वारे भी नवरात्रि के मौके पर पारासरी घाट पर ही लोग विसर्जन करने को जाते हैं और इसके बाद फिर मां शीतला को चढ़ाते हैं। शहर की सबसे बड़ी आस्था का केन्द्र होने के बाद भी नगर पालिका ने गंभीरता से नहीं लिया और अभी तक वहां पर व्यवस्थाएं नहीं हो सकी हैं। घाट से ही लगा हुआ भैंरों बाबा का मंदिर भी है भैरोबाबा मंदिर तक ही नपा अभी तक सड़क का निर्माण करा सकी है।

 

वह भी निर्माण तत्कालीन नपाध्यक्ष लीना संजय जैन टप्पू के कार्यकाल में हुआ था इसके बाद से अभी तक कोई भी निर्माण वहां पर नहीं हो सका है। भैरो बाबा मंदिर से लेकर घाट तक पहुंचने के लिए रास्ता भी ठीक नहीं है। शहर के सामाजिक संगठनों से लेकर वार्ड पार्षद भी लगातार मांग करते चले आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक कोई भी व्यवस्थाएं घाट पर उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। जिसके लिए कई बार प्रयास किए जा चुके हैं। यहां तक कि पाषर्द के द्वारा कई बार लिखकर भी दिया जा चुका है साथ ही घाट का मामला परिषद की बैठक में भी उठाया गया है।

नपाध्यक्ष हमेशा की तरह एक रटा रटाया जबाव देती हैं कि वर्कआर्डर तो है लेकिन ठेकेदार काम नहीं कर रहा है। यदि ठेकेदार काम नहीं कर रहा है तो इसकी जबावदारी भी नपाध्यक्ष व सीएमओ की है। जब लगातार काम नहीं होते हैं तो नपाध्यक्ष और सीएमओ को उनका वर्कआर्डर निरस्त कर दोबारा टेंडर बुलाकर कार्य कराना चाहिए और यह घाट का ही मामला नहीं है

 

शहर में कई ऐसे काम स्वीकृत हैं जिनके वर्कआर्डर जारी हो चुके हैं लेकिन सालों गुजर जाने के बाद काम शुरू नहीं हो सका है। इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष मधुलिका अग्रवाल का कहना है कि ठेकेदार को नोटिस जारी किया है कि काम यदि जल्द ही शुरू नहीं किया तो उसकी अमानत राशि जब्त कर ली जाएगी साथ ही बुधवार को कुछ व्यवस्था कराई जाएगी जिससे कि डोल ग्यारस के दिन घाट पर समस्याएं न हों। ठेकेदारों ने काम न करने की मानसिकता बना ली है उनके ऊपर किसी का दबाव है किसका है इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती।

 

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