मालूम हो कि राजीव आवास योजना के लिए तीन वर्ष पूर्व शहर से करीब पांच किमी दूर सौराई में स्थान का चयन कर यहां 420 मकान बनाने की विस्तृत योजना बनाई गई थी। यहां रायपुरा, जतरापुरा, अहमदपुर मार्ग एवं रंगियापुरा क्षेत्र स्थित झुग्गीबस्तियों के रहवासियों को बसाया जाना था।
नपा कर्मचारियों के मुताबिक योजना का उद्देश्य शहर को झुग्गीमुक्त करना एवं इन्हें सर्वसुविधाओं से युक्त मकान उपलब्ध कराना था। इन तीन सालों में यहां 418 भवन बनकर तैयार हो चुके। कुछ भवनों में पलास्टर व दरवाजे आदि कार्य रह शेष है। नपा के इंजीयिर बताते हैं की आगामी दो माह में कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
हितग्राही को देना है 55 हजार
नपा से मिली जानकारी के मुताबिक प्रति आवास 250 स्कायर फिट डुप्लेक्स बनाए गए हैं। इसमें दो कमरे ऊपर व नीचे व किचिन ेलेटबाथ व जीना शामिल है। इन भवनों की लागत प्रति भवन करीब 3 लाख 97 हजार है। जबकि हितग्राहियों को सिर्फ 55 हजार रुपए देना है। इसमें शेष राशि का 80 प्रतिशत केंद्र सरकार, 10 प्रतिशत राज्य सरकार एवं 10 प्रतिशत राशि नपा की रहेगी।
नपा से मिली जानकारी के मुताबिक इन भवनों में रहने के लिए अब तक सिर्फ 50 हितग्राहियों ने ही रुचि दिखाई है और भवन लेने के लिए पांच हजार रुपए की राशि जमा कर भवन की बुकिंग की है। जबकि शहर में पूर्व में हुए सर्वे में कच्चे मकानों, झुग्गियों व किराए से रहने वालों की संख्या करीब 10 हजार हितग्राहियों की आई थी।
आवासों पर खर्च हो रहे 18 करोड़
इन आवासों के निर्माण सहित परिसर में सडक़, बिजली, पार्क, मंदिर आदि सुविधाओं पर 18 करोड़ की राशि खर्च हो रही है। आवास, सडक़, नाली आदि कार्य लगभग पूरा होने की स्थिति में है और अब विद्युतीकरण कार्य की तैयारी है। यहां पांच ट्रांसफार्मर सहित 69 बिजली के खंभे लगाए जाने का कार्य बुधवार से शुरू होगा। करीब 65 लाख की लागत से यह कार्य शुरू हो रहा है। इसके तहत जतरापुरा से इस आवास योजना तक बिजली की सुविधा दी जाएगी और राजीव आवास तक का मुख्यमार्ग एवं पुलिया का भी निर्माण कार्य किया जाएगा।
हितग्राहियों का पुराने स्थान से मोह के कारण वे नए भवनों में नहीं आना चाह रहे। जबकि उन्हें राजीव आवास स्थल पर सभी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्लान है। हितग्राहियों को राशि जमा करने के लिए आसान किस्त की भी सुविधा दी जा रही। तीन लाख वार्षिक आय से कम, झुग्गीवासी एवं किराए से रहने वाले हितग्राहियों को यह भवन दिए जाना है।
– सत्येंद्र धाकरे, सीएमओ