रविवार की रात करीब 9 बजे महेंद्र यादव, श्याम मालवीय और तेजेंदर सिंह बन्नू की तीन बसें आग की चपेट में आकर पूरी तरह जल गईं। आग की लपटों और धु़एं के गुबार के बीच फायर बिग्रेड ने आग पर काबू पाकर अन्य बसों को बचाया। इस दौरान पूरे परिसर में हडक़ंप मचा रहा। बाद में एसपी डॉ. मोनिका शुक्ला ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति को देखा। उधर देर रात यादव बस सर्विस के गोपाल यादव(बस ऑनर महेंद्र यादव के भाई)की रिपोर्ट पर अजय राजपूत, राजू राजपूत और सद्दाम के खिलाफ भादंवि की धारा 435 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। आग कैसे लगी, किसने लगाई इसकी पड़ताल की जा रही है, सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। बताया गया है कि महेंद्र यादव ने साल डेढ़़ साल पहले ही बसों का कारोबार शुरू किया था और उन्होंने राजू राजपूत के भतीजे अजय राजपूत को अपने यहां मैनेजर बनाया था। कुछ समय पहले ही अजय राजपूत को उन्होंने काम से हटा दिया था। दोनों के बीच पैसों को लेकर भी विवाद बताया गया है। पिछले तीन-चार दिन से दोनों पक्षों में विवाद बताया गया है। रविवार की शाम को भी अजय राजपूत और राजू आदि कोतवाली में थे, जो घटना के कुछ समय पहले ही गए थे और इसके बाद ये आगजनी हो गई। जो तीन बसें जली हैं, उनमें से एक बस महेंद्र यादव की थी, दूसरी बस श्याम मालवीय की थी जो जल्दी ही बेची जाना थी, जबकि तीसरी पास ही खड़ी बस शक्ति बस सर्विस की थी।
रात को हुई बसों में आग की घटना में गोपाल यादव की रिपोर्ट पर अजय राजपूत, राजू राजपूत और सद्दाम के खिलाफ भादंवि की धारा 435 के तहत प्रकरण कायम किया गया है। मामले में पैसों को लेकर पुराना विवाद ही सामने आ रहा है।
-वीरेंद्र झा, टीआइ, कोतवाली विदिशा