6 December 2025,

Saturday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अनाज सड़ने से बचाना है तो तलाशना होंगे नए गोदाम

एक बार फिर सरकारी खरीद के अनाज को सुरक्षित रखने की चुनौती। सात लाख मीट्रिक टन पुराना गेहूं रखा है, आठ लाख के लिए वेयरहाउस की तलाश

2 min read
Google source verification
अनाज सड़ने से बचाना है तो तलाशना होंगे नए गोदाम

अनाज सड़ने से बचाना है तो तलाशना होंगे नए गोदाम

विदिशा। जिले में रबी सीजन की फसल आते ही एक बार फिर सरकारी खरीद के अनाज को रखने की चुनौती बढ़ गई है। पहले ही कई बार खुले कैप में रखा गेहंू सड़ जाने के कारण सरकार अब खुले में गेहूं रखकर अपनी फजीहत नहीं कराना चाहती है। ऐसे में समर्थन पर खरीदा गया अनाज पूरी तरह गोदामों में भरने की तैयारी है। जिले में अभी सात लाख मीट्रिक टन के करीब पुराना गेहूं गोदामों में भरा है और केवल साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन के लिए ही गोदाम खाली हैं।

प्रशासन के सामने नए गोदामों का निर्माण पूरा होने और खाली गोदामों की तलाश चुनौती साबित हो रही है। जिले में करीब 400 गोदाम हैं, जिनकी क्षमता करीब 10-11 लाख मीट्रिक टन अनाज रखने की है। इनमें से 7 लाख मीट्रिक टन अनाज पहले से भरा हुआ है। यानी 3-4 लाख मीट्रिक टन अनाज और वेयरहाउस में रखा जा सकता है। जबकि उम्मीद की जा रही है कि इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी करीब 7 लाख मीट्रिक टन से अधिक होगी, जबकि 50 हजार मीट्रिक टन चना खरीदा जाएगा। यानी जितना पहले से रखा है उससे ज्यादा और वेयरहाउस में अनाज भरा जाना है। इसके लिए गोदामों की आवश्यकता होगी। हालांकि 5 लाख मीट्रिक टन क्षमता के वेयरहाउस अभी निर्माणाधीन हैं। सीजन को देखते हुए इनको पूरा करने का काम भी तेजी से चल रहा है, लेकिन फिर भी समय रहते कितना इंतजाम हो पाएगा यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

साइलो में इस बार खरीदी नहीं
गेहूंखेड़ी स्थित साइलो प्लांट पर समर्थन की खरीदी का काफी गेहूं स्टोर हो जाता था। लेकिन इस बार वह भी खाली नहीं होने से वहां खरीदी का गेहूं नहीं रखा जा सकेगा। इसी तरह गमाखर के प्लास्टिक साइलो काभी उपयोग नहीं किए जाने की बात सामने आ रही है। ऐसे में सारा दबाव गोदामों पर ही पड़ेगा।

रेल कारखाने में रखा है गेहूं
पिछले साल भी समर्थन मूल्य की खरीदी का अनाज बाहर रखा होने से भींग गया था और सडकऱ दुर्गंध देने लगा था। अनाज को सुरक्षित रखने के लिए तत्कालीन कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने खाली पड़े रेल कारखाने के शेड को रेलवे से चर्चा कर उपयोग में लिया और अब भी वहां समर्थन की खरीदी का अनाज रखा हुआ है।

पुराने गोदामों में करीब सात लाख टन अनाज भरा रखा है। उनमें करीब साढ़े तीन लाख टन अनाज और रखा जा सकता है, लेकिन पांच लाख क्षमता वाले गोदाम अभी निर्माणाधीन हैं। समस्या नहीं आएगी।
- नरेंद्र सिंह, जिला प्रबंधक वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन विदिशा