एकीकृत बाल विकास शहरी परियोजना द्वारा संचालित मोहनगिरी के आंगनबाड़ी केेंद्र क्रमां 36 पर करीब 12 बजे केंद्र के ही पास रहने वाले सुनील चिड़ार की पत्नी प्रियंका चिड़ार ने अपनी 8 वर्षीय बेटी खुशी को आंगनबाड़ी केंद्र भेजा और बच्चे के लिए कीड़े काटने वाली दवा मंगाई। केंद्र पर सहायिका रेखा नरवरिया ने एलबेंडाजोल की एक गोली खुशी को दे दी। इस गोली में से आधी गोली प्रियंका चिड़ार ने अपने दो वर्षीय बच्चे को घोलकर चम्मच से पिलाई। इसके करीब 15-20 मिनट बाद ही बच्चे के हाथ पैर ढीले पड़ गए। प्रियंका ने अपने पड़ौसियों को बुलवाया और बच्चे को तत्काल अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बच्चे का पिता सुनील पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल में मौजूद रहे। यहां कांग्रेस नेत्री प्रियंका किरार और आशा राजपूत भी मौजूद रहीं।
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने डिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग को मौके पर पड़ताल करने पहुंचाया। इससे पहले जिला महिला बाल विकास अधिकारी बृजेश शिवहरे, सहायक संचालक विवेक शर्मा, परियोजना अधिकारी संजय सिंह और डॉ डीके शर्मा मौके पर पहुंचे और पड़ताल शुरू की। डिप्टी कलेक्टर गर्ग ने आंगनबाड़ी सहायिका रेखा नरवरिया, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आदि के बयान लिए, सभी दवाएं देखीं लेकिन बच्चे की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। उधर बच्चे की मां प्रियंका चिड़ार ने बताया कि देव को चुनचुने काट रहे थे, इसलिए गोली मंगाकर आधी गोली खिलाई थी, सुबह वह चाय से रोटी खा चुका था। लेकिन गोली खाने के थोड़ी देर बाद ही उसने हाथ पैर पटक दिए तो अस्पताल ले जाना पड़ा।
आयोग अध्यक्ष ने लिया संज्ञान
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर से प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट आवश्यक दस्तावेजों के साथ आयोग को तीन दिन में मुहैया कराने को कहा है।
कलेक्टर के निर्देश पर केंद्र पर जाकर जांच की थी। वहां मिली एलबेंडाजॉल और अन्य कोई भी दवा एक्सपायरी डेट की नहीं थी। सभी के बयान लिए गए हैं, पंचनामा भी बनवाया है।
-अमृता गर्ग, डिप्टी कलेक्टर विदिशा
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केंद्र पर जाकर परीक्षण किया हैँ। सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। जो भी स्थिति सामने आएगी उसी अनुरूप कार्रवाई होगी।
-बृजेश शिवहरे, जिला महिला बाल विकास अधिकारी विदिशा