ये बात भी खास रहेगी कि शिकायतकर्ता को बैठक में लाने का जिम्मा भी संबेंधित विभाग के अधिकारियों का ही रहेगा। इसके साथ जिला अधिकारी ही अपने साथ अपने एल-1 और एल-2 अधिकारियों को पूर्व में की गई कार्रवाई के विवरण के साथ बैठक में उपस्थित कराने के लिए जिम्मेदार होंगे।
पहले चरण में 9 दिसम्बर को विदिशा के एमसी शर्मा तथा मोनिका अहिरवार, त्योंदा के लक्ष्मीनारायण तिवारी, बरखेड़ा(बासौदा)के तख्तसिंह, ग्यारसपुर के देवीसिंह, विदिशा के सुमित शर्मा और लटेरी की कांतिबाई मीणा की शिकायतों को चिन्हित कर मीटिंग में बुलाया गया है।
इनकी शिकायतें क्रमश: शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य, राजस्व आदि से संबंधित हैं। गौरतलब है कि जिले में यह पहल नवाचार और अधिकारियों को सीख देने के लिए की जा रही है कि किसी भी शिकायत को अधिक समय तक लंबित रखने के बजाय तत्काल उसका समय सीमा में निराकरण कर शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाए।