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विदिशा

सनाई में श्रीजी की शोभायात्रा बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु

मंडीबामोरा। सिद्धचक्र महामंडल विधान में कुल 2 हजार से भी ज्यादा अघ्र्य सैकड़ों इंद्र-इंद्राणियों ने मंत्रोच्चार के साथ विश्व शांति के लिए समर्पित किए। मुनिश्री अभयसागर महाराज, प्रभातसागर महाराज, निरीहसागर महाराज के सानिध्य में पूर्णाहूति एवं हवन आदि धार्मिक अनुष्ठान के बाद श्रीजी की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

विदिशाFeb 16, 2020 / 07:38 pm

Anil kumar soni

मंडीबामोरा। धूमधाम से निकली श्रीजी की शोभायात्रा।

मंडीबामोरा। धूमधाम से निकली श्रीजी की शोभायात्रा।

शोभायात्रा का शुभारंभ चंद्रप्रभु जिनालय से हुआ, जो बसस्टैंड सहित अन्य मुख्य मार्गों से होते हुए वापस कार्यक्रम स्थल पहुंची। श्रीजी के विमान को श्रद्धालुओं ने बारी-बारी से कंधों पर उठाया। लोगों ने श्रीजी एवं मुनि संघ की आरती उतारी। शोभायात्रा में बच्चे, महिला एवं पुरूष केशरिया एवं श्वेत वस्त्र पहनकर हाथों में धर्म ध्वजा लिए हुए चल रहे थे। शोभायात्रा का समापन कार्यक्रम स्थल चंद्रप्रभ जिनालय परिसर में हुआ। इस दौरान मंडीबामोरा एवं बीना के वेलफेयर समिति के सदस्यों, प्रेम प्रचारिणी सभा, मुनि सेवा मंडल, सुधासागर मंडल, दयोदय पशु सेवा केन्द, शाकाहार जीवदया के प्रचार प्रसार में अग्रणी अशोक शाकाहार का सम्मान शाल-श्रीफल एवं प्रतीक चिह्न देकर आयोजकों के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम समापन पर मुनि संघ के प्रवचन आयोजित किए गए। जिसमें मुनिश्री अभयसागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जरा विचार करें कि हम अपने बच्चे को टॉफी बिस्किट आद का लालच देकर स्कूल भेजते हैं। इसका यही तो उद्देश्य होता है कि बच्चा पढऩा सीखे। एक-दो वर्ष बाद भी यदि बच्चा कुछ नहीं सीख पाया, तो हम न केवल बच्चे को दोष देंगे, बल्कि स्कूल के शिक्षकों को भी भला बुरा कहने से नहीं चूकेंगे। हम बच्चे में परिवर्तन की उम्मीद लगाए रहते हैं। उसमें यदि निराशा प्राप्त होवे तो अपना मन कितना दु:खी होता है। बच्चा घड़ी की सुइयों की तरह स्कूल व घर के चक्कर तो लगाता है, किन्तु आगे नहीं बढ़ पाता। यही स्थिति अपनी भी है।
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