शयन मुद्रा में कई प्रतिमाएं मौजूद
ब्रम्हा और लक्ष्मी सहित कई देवी देवताओं का भी प्रतिमा में अंकन किया गया है। मंदिर के पुजारी पं. विष्णु शास्त्री बताते हैं कि उनकी चौथी पीढ़ी यहां भगवान की सेवा कर रही है। यहां बता दें कि आज का बैसनगर गांव अतीत में वैभवशाली नगर हुआ करता था। भगवान विष्णु की शेषाशायी प्रतिमाओं का चलन विदिशा क्षेत्र में चौथी शताब्दी से सामने आया है। उदयगिरी की गुफाओं में शेषाशायी विष्णु के नाम से एक पूरी गुफा है, जिसमें भगवान विष्ण की शेष नाग की शैया पर विश्राम करते हुए विशाल प्रतिमा है। इसी प्रकार जिला पुरातत्व संग्रहालय में भी भगवान विष्णु की शयन मुद्रा में कई प्रतिमाएं मौजूद हैं।